संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए. कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन ‘डेमोक्रेसी अंडर सीज' (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे. उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो' के नारे भी लगाए गए. हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा.
विपक्षी सांसदों पर भड़के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी
विपक्षी सांसदों के हाथ में पीएम मोदी का मॉर्फ्ड फोटो देख केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी सदन में बेहद गुस्से में नजर आए. उन्होंने कहा कि इस तरह की नकारात्मक बातों की वजह से वे चुनावों में लगातार हार रहे हैं. जोशी ने स्पीकर से संबंधित सांसदों पर कार्रवाई करने की मांग भी की.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्ष के सांसद हंगामा कर रहे हैं. कुछ सांसद सदन में तख्तियां लेकर आए हैं. विपक्षी सांसद सदन में 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' के नारे लगा रहे हैं. लोकसभा स्पीकर सांसदों से हंगामा न करने की अपील कर रहे हैं.
"इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं''
खरगे ने कहा, ‘‘हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें. वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है. संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं. ऐसा कभी नहीं होता है. जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं.''
‘‘यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे.''
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है तथा पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे.''
निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की संख्या 92 हो गई
संसद में सोमवार को 78 विपक्षी सांसदों को आसन की अवमानना तथा अशोभनीय आचरण के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जो संसदीय इतिहास में एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. 13 दिसंबर को लोकसभा से 33 सदस्यों और राज्यसभा से 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया. पिछले गुरुवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है.
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