ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद उसे आतंकवाद (Pakistan Terrorism) के मसले पर पूरी दुनिया के आगे बेनकाब करने के लिए सांसदों का पहला जत्था आज विदेश रवाना (Indian Delegation) हो चुका है. ये डेलिगेशन अपने साथ एक डोजियर लेकर निकला है, जिसमें पाक के काले कारनामों का पूरा काला चिट्ठा है. इसमें हर वो सबूत है जो आंतकवाद को समर्थन करने की पाकिस्तान की हर नीति की पोल दुनिया के सामने खोलकर रख देगा.
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डोजियर में क्या-क्या?
- पाकिस्तान के आंतकवाद को समर्थन करने के सबूत
- 26/11 मुंबई और पठानकोट हमले के बाद भारत ने सबूत दिए, लेकिन पाक ने कुछ नहीं किया
- 2008 मुंबई अटैक बाद दिए फोटो, कॉल रिकॉर्ड और DNA सैंपल के पुख्ता सबूत दिए थे, फिर भी एक्शन नहीं लिया.
- 9/11 हमले और 2005 के लंदन बम धमाके समेत दुनियाभर में हुए कई हमलों में पाकिस्तान कनेक्शन के सबूत
1- भारत का रुख दुनिया के सामने रखेंगे
भारतीय सांसदों वाला डेलिगेशन अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान की काली करतूतों की पोल खोलेगा. आतंकवाद पर वह भारत की स्थिति को साफ करेंगा और बताएगा कि भारत चार दशकों से सीमा पार से आतंकवाद झेल रहा है. ऐसी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अब न्यू नॉर्मल तरीका अपनाया है. इसमें अस्पष्टता या तुष्टिकरण की कोई गुंजाइश नहीं है.
2- आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति
भारतीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों को बताएगा कि भारत किस तरह अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी घटना को अंजाम देने वालों और इसकी साजिश रचने वालों को कड़ा जवाब देगा. भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा.
3- पाकिस्तान पर एक्शन की वजह
प्रतिनिधिमंडल दुनिया के सामने ये स्पष्ट करेगा कि भारत की कार्रवाई पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई थी, न कि सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिकों के खिलाफ. पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने के प्रयासों के बाद ही भारत ने जवाबी कार्रवाई की.
4- आतंक का समर्थक है पाकिस्तान
भारतीय सांसदों का दल आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने वाले कुछ सबूत साथ लेकर गया है. जिनमें कुछ तस्वीरें, दस्तावेज शामिल हैं. इनके जरिए बताया जाएगा कि पहलगाम आंतंकी हमले में पाक के आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका थी. इसेस पहले हुए हमलों का भी काला चिट्ठा उनके पास है.
5- आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता
सांसदों का दल इन देशों से आतंकवाद के खिलाफ उनका सहयोग और समर्थन मांगेगा. साथ ही ये भी मांग की जाएगी कि आतंकवाद के खिलाफ ये देश खुलकर अपनी आवाज उठाएं. इन देशों से कहा जाएगा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए एक्शन को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के तौर पर देखा जाए.
कहां-कहां जाएगा भारतीय डेलिगेशन
बता दें कि एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई जेडीयू के संजय झा कर रहे हैं. वहीं दूसरे प्रतिनिधिमंडल को शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे लीड कर रहे हैं. संजय झा की अगुवाई वाली टीम पहले जापान और फिर इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जाएगी. जबकि श्रीकांत शिंदे की अगुवाई वाली टीम पहले यूएई, फिर लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन जाएगी.