पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया. सुरक्षा बलों ने वहां नौ ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया.इस कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर'नाम दी गई है. इन हमलों में बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है. इस हमले को भारत के सैन्य ताकत के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है. इससे देश में यह संदेश गया कि सरकार ने जैसा कहा था, वैसा ही किया. इस हमले ने भारत की कूटनीतिक क्षमता का भी प्रदर्शन किया है. इस हमले के बाद कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा देश एक नजर आया. भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने अगर दुस्साहस किया तो हमारी सेनाएं उसका करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं. आइए देखते हैं भारत और भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान के खिलाफ किन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है.
आतंक को करारा जवाब
भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) आतंक के ठिकानों पर निशाना बनाया. हमले के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को नष्ट करने और भविष्य में ऐसे किसी हमले को रोकने के लिए 'नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना' कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों और इसकी साजिश रचने वालों को न्याय के दायरे में लाना जरूरी माना जा रहा था.
Operation Sindoor: प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह.
भारतीय सशस्त्र बलों ने छह-सात मई की रात 1 बजकर 5 मिनट से डेढ़ बजे के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया.रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया.इन्हीं ठिकानों से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाकर उन्हें अंजाम दिया गया था.भारत ने यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के ठीक दो हफ्ते बाद किया. पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल था.
कूटनीतिक रणनीति
भारत की पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में की गई सैन्य कार्रवाई पर दुनिया ने नपी-तुली प्रतिक्रिया दी है. हमले के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात कर उन्हें हमले की जानकारी दी.इसके कुछ देर बाद रुबियो ने कहा कि वह भारत-पाकिस्तान की स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और उम्मीद है कि यह जल्द खत्म होगा. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को जापान, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन के अपने समकक्षों से बात कर भारत की ओर से की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी दी.भारत की कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है. वहीं अनुमान के मुताबिक चीन और तुर्की पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए नजर आए. वहीं भारत के पुराने दोस्त रूस के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,''रूस आतंकी कार्रवाइयों कड़ी निंदा करता है और इस बुराई से प्रभावी तौर पर लड़ने के लिए पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कोशिशों को एकजुट किए जाने की जरूरत पर जोर देता है." वहीं इसराइल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पूरी तरह से समर्थन किया. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के राजदूतों को विदेश मंत्रालय में बुलाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी जानकारी दी.
भारत की इन कोशिशों का परिणाम यह हुआ कि इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ी नजर आई. चीन और तुर्की को छोड़ दें तो किसी भी देश ने आतंकियों के खिलाफ की गई इस सैन्य कार्रवाई की निंदा नहीं की. इस माहौल को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा सकता है कि सैन्य कार्रवाई के बाद दुनिया के अधिकांश देशों को वह यह समझाने में कामयाब रहा कि वह जो भी कर रहा है, वह उसका आत्मरक्षा का अधिकार और आतंकवाद के खिलाफ दुनियाभर में जारी लड़ाई का एक हिस्सा है. भारत के अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में दुनिया भर के देशों को अपनी कार्रवाई को लेकर भरोसे में लिया था. भारत इसमें सफल भी रहा, यह ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया की प्रतिक्रिया में नजर आया.
सेनाओं के शौर्य का शानदार प्रदर्शन
रक्षा विश्लेषकों भारतीय सेनाओं के 'ऑपरेशन सिंदरू' को बहुत ही सटीक हमला बताया है. अभी यह आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया गया है कि इस हमले में कौन-कौन सी सेनाओं शामिल रहीं और किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया. सैन्य रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि बलों ने जिस तरह से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंक के ठिकानों को तबाह किया है, वह पाकिस्तान के लिए एक सबक साबित होगा.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से यह कार्रवाई अपेक्षित थी.सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाया गया.इस तरह के हमलों की चेतावनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही दे दी थी.'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की तीनों सेनाओं के बीच समन्वित तालमेल को भी बेहतरीन प्रदर्शन था.
एकजुट है भारत
'ऑपरेशन सिंदूर' की विस्तार से जानकारी देने के लिए भारत ने राजधानी नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इसे विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संबोधित किया.इन अधिकारियों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में निशाना बनाए गए ठिकानों की विस्तृत जानकारी दी.इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह का चयन भी दुनिया के लिए एक संदेश था. इससे भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं को भी मैसेज दिया. कर्नल सोफिया कुरैशी का चुनाव पाकिस्तान को तगड़ा जवाब था. दरअसल पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले और उसके पहले से ही दो राष्ट्र के सिद्धांत का जिक्र कर रहा है. इसी सिद्धांत पर हुए भारत के बंटवारे के बाद पाकिस्तान का जन्म हुआ था.दरअसल वह इस सिद्धांत का जिक्र कर भारत में हिंदू-मुसलमान को भिड़ाने की फिराक में, लेकिन देश की जनता ने उसके इस प्रोपगंडा को मुंहतोड़ जवाब दिया. पूर देश ने एकजुट होकर पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. इस दौरान भारत कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक नजर आया. यह पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी हार थी.उसके मंसूबे कामयाब नहीं होने पाए. कर्नल सोफिया कुरैशी के जरिए भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त दी. भारत ने दिखाया कि पूरा भारत एक है चाहें हिंदू हो या मुसलमान.सब एक साथ पाकिस्तान के खिलाफ खड़े हैं. भारत के मुसलमान भारत की मुख्यधारा का हिस्सा हैं. कर्नल सोफिया के जरिए भारत ने पाकिस्तान को इतना सख्त संदेश भेजा कि अब शायद ही कभी दो राष्ट्र के सिद्धांत का राग अलापे.
निशानों की निशानदेही और सटीक निशाना
भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर'के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके)के आठ जगहों पर नौ ठिकानों को निशाना बनाया. इसमें पीओके के मुजफ्फराबाद स्थित दो ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस कार्रवाई के दौरान चुने गए लक्ष्यों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं. भारत ने मात्र 25 मिनट में ही इतने बड़े हमले को अंजाम दिया. भारत ने कहा है कि इस कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान में किसी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया. इस कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालयों और अन्य ठिकानों को नेस्तनाबूंद कर दिया गया. ये लश्कर और जैश के ये ठिकाने मदरसों के नाम पर मस्जिदों में चलाए जा रहे थे. जैश ने एक बयान जारी कर बताया है कि भारत के हमले में जैश प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी लोग मारे गए हैं. मरने वालों में मसूद के बहन-बहनोई और पांच बच्चे भी शामिल हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि हमले के बाद मसूद अजहर ने कहा है कि मरने वालों में उसे भी शामिल होना चाहिए था.
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर की एक मस्जिद पर की गई कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं.
इस कार्रवाई को आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि भारत की सेनाओं ने पहली बार पाकिस्तान के पंजाब में कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दौरान भारत पाकिस्तान के बहावलपुर पर हमले के लिए करीब 100 किलोमीटर तक अंदर गया तो मुरीदके के लिए 30 किलोमीटर, गुलपुर पर हमले के लिए 35 किलोमीटर, सवाई कैंप में 30 किलोमीटर तक अंदर गया. इस कार्रवाई की सबसे खास बात यह रही है कि भारत ने हमले के लिए निशानों का सटीक चुनाव किया और सेना और वायुसेना ने शानदार समन्वय का प्रदर्शन किया.
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