ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सफलता और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के इरादे से भारत की ओर से विदेश जाने वाले डेलीगेशनों को ब्रीफिंग में विस्तार से सीजफायर के बारे में जानकारी दी गई है. सूत्रों के मुताबिक- उन्हें बताया गया कि पाकिस्तान के DGMO ने पहले संपर्क किया था. 10 मई को सुबह करीब ग्यारह बजे फोन किया गया था, लेकिन हॉटलाइन काम नहीं कर रही थी.फिर नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने मैसेज किया कि डीजीएमओ बात करना चाहते हैं. फिर संपर्क साधा गया, लेकिन साढ़े बारह बजे के करीब भी बात नहीं हो सकी, क्योंकि भारतीय डीजीएमओ सीडीएस के साथ मीटिंग में थे. लिहाजा करीब साढ़े तीन बजे जाकर बातचीत हुई, जिसमें सीजफायर पर सहमति बनी.
- ट्रंप की मध्यस्थता की बात सही नहीं है, क्योंकि पहल पाकिस्तान की ओर से ही की गई थी. बैक चैनल बातचीत कई देशों के साथ होती रहती है. ऑपरेशन सिंदूर के बारे में डेलीगेशन भेजने के लिए देशों को सोच समझ कर चुना गया है. ये ऐसे देश हैं जो या तो अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी/अस्थायी सदस्य हैं या बाद में अस्थायी सदस्य बनेंगे.
- सभी डेलीगेशन आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं और कार्रवाई से इन्हें अवगत कराएंगे.
- इन देशों के पीएम, पूर्व पीएम, विदेश मंत्री, सांसद, विपक्ष के नेता, बुद्धिजीवी, पत्रकारों और भारतीय डायस्पोरा से मुलाकात करेंगे.
- भारत का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक्सपोज किया जाएगा.
- पाकिस्तान ऐसे मौकों पर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश करता है, लेकिन भारत ऐसा नहीं होने देगा.
- चीन को लेकर ब्रीफ किया गया कि उसका रुख काफी सकारात्मक रहा.
- चीन ने भारत की कार्रवाई की निंदा करने के बजाए खेद प्रकट किया.
- कूटनीति के लिहाज से यह एक बड़ा बदलाव माना गया है.ऑपरेशन सिंदूर की इन डेलीगेशनों को विस्तार से जानकारी दी गई है.
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