ऑपरेशन सिंदूर कहां से और कैसे चला- सेना की पहली किताब में आया सामने, तस्वीरों में दिखा ‘वॉर रूम’ का मंजर

Operation Sindoor Book: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर पर अपने कर्मियों के लिए एक किताब जारी की है. ऑपरेशन रूम में क्या हो रहा था, इस किताब में तस्वीरों के साथ भी बताया गया है.

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Operation Sindoor Book: ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना की किताब जारी

Operation Sindoor Book: भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर अपने कर्मियों के लिए एक किताब जारी की है. इस किताब में ऑपरेशन रूम दिखाया गया है जहां से पाकिस्तान के खिलाफ इस सैन्य ऑपरेशन की निगरानी सेना के टॉप अधिकारियों द्वारा की जा रही थी.  इसी ऑपरेशन रूम से सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह सहित टॉप सैन्य अधिकारियों के द्वारा ऑपरेशन की निगरानी की जा रही थी. सेना की तरफ से उस वक्त की तस्वीरें भी शेयर की गई हैं.

 

उपर की इस तस्वीर में तीनों सेना के प्रमूख वॉर रूम से पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए दिखे. याद रहे कि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से सेना को ऑपरेशन सिंदूर के लिए फ्री हैंड दे दिया गया था और इसके बाद सेना ने इस मामले में टॉप नॉच प्रोफेशनलिज्म दिखाया. जब पहले वार में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अंदर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने था तो सटीकता दिखाई गई. इसी वॉर रूम से यह तय किया गया कि किसी तरह का कोई कोलैटर डैमेज न हो, किसी आम इंसान की मौत न हो. थल, जल और वायु- तीनों सेनाओं के बीच कमाल का कॉर्डिनेशन दिखा और ऑपरेशन के हर चरण को अंजाम दिया गया.

पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में चल रहीं आतंक की फैक्ट्रियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ढांचों को निशाना बनाते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था.

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पाकिस्तान ने आतंकियों पर हमले को खुद पर हमला समझा. लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने बाद में पाकिस्तानी आक्रमण का प्रभावी ढंग से जवाब दिया और उसके हवाई अड्डों को नष्ट कर दिया. हालांकि पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा अपने भारतीय समकक्ष को की गई कॉल के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने यानी सीजफायर पर सहमति बनी है.

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ देश की शून्य-सहिष्णुता नीति (जीरो-टॉलरेंस पॉलिसी) को उजागर करने के साथ-साथ पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने के लिए विभिन्न देशों में 7 समूहों में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है. प्रत्येक समूह का नेतृत्व एक संसद सदस्य द्वारा किया जा रहा है.

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प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य विश्व नेताओं के साथ बातचीत करते हुए 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ व्यापक लड़ाई के बारे में अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को जानकारी देना है.

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प्रतिनिधिमंडल के सात समूह सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, यूके, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया, जापान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, कांगो, सिएरा लियोन, अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील, कोलंबिया, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया, रूस, मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगे.

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