केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग को लेकर मंगलवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि यह सबसे पुराना दल केवल तभी ईवीएम का मुद्दा उठाता है जब वह चुनावी मुकाबला हार जाता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल किया कि अतीत में जब कांग्रेस ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की शुरुआत की, तब दिग्विजय सिंह ने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया.
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह 400 लोगों से नामांकन करवाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि चुनाव मतपत्रों के जरिए हो. दिग्विजय सिंह ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह प्रकट करते हुए चुनाव कराने में मतपत्रों को फिर लाने की मांग कर रहे हैं.
सिंधिया ने दिग्विजय सिंह की मांग के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा, ‘‘उन्हें हर चीज से दिक्कत है. जब कांग्रेस ने ईवीएम की शुरुआत की तब दिग्विजय सिंह ने यह प्रश्न क्यों नहीं खड़ा किया? वह 10-15 सालों से ईवीएम पर प्रश्न उठा रहे हैं. जब कांग्रेस (चुनाव) जीत जाती है तो वह कोई प्रश्न नहीं उठाती है लेकिन जब वह हार जाती है तो बहुत संदेह प्रकट किया जाता है.''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाकर की गई राहुल गांधी की पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने भ्रष्टाचार के बारे में बोलने के कांग्रेस के नैतिक अधिकार पर प्रश्न खड़ा किया.
एक दिन पहले, गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार से लड़ने की बात करते हैं लेकिन वह असम से महाराष्ट्र तक ‘‘भ्रष्टाचार की फ्रैंचाइजी'' वितरित करते हैं. इसपर सिंधिया ने कहा, ‘‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.''