भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) कर्नाटक (Karnataka) में आवास विभाग ने मार्च 2021 तक शहरी गरीबों के लिए 5.17 लाख आवास इकाइयों (डीयू) के निर्माण के लक्ष्य के मुकाबले केवल 88,395 यानी केवल 17 प्रतिशत इकाइयों का काम पूरा किया है. सीएजी ने यह भी कहा कि मार्च 2021 तक सर्वेक्षण के माध्यम से पहचाने गए 13,71,592 संभावित लाभार्थियों (38 प्रतिशत) में से केवल 5,17,531 लाभार्थियों को साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) और लाभार्थी के नेतृत्व वाले व्यक्तिगत आवास निर्माण (BLC) परियोजनाओं में शामिल किया गया.
सीएजी ने कहा कि अभी (मार्च 2021) में 3,28,499 आवास इकाईयों का निर्माण शुरू होना था. यह दर्शाता है कि 2022 तक “सभी के लिए आवास” मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करना काफी मुश्किल है. “कर्नाटक में शहरी गरीबों के लिए आवास योजनाएं” 2022 शीर्षक वाली सीएजी की यह रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई. रिपोर्ट के अनुसार, शहरी स्थानीय निकायों ने आवास की मांग का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने को लेकर निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया.