"सभी के लिए एक नियम": अरविंद केजरीवाल इंसुलिन विवाद के बीच तिहाड़ के अधिकारी

बेनीवाल ने कहा कि क्या आपको लगता है कि जेल में धीमा जहर दिया जा सकता है? क्या आप खुद सोचते हैं कि यह संभव है? उन्होंने कहा, "हमारी जेल में लगभग 900 से 1000 कैदी मधुमेह से पीड़ित हैं. कुछ को दवाएं दी जाती हैं, कुछ को इंसुलिन, कुछ को कुछ और चाहिए... हमारे सरकार द्वारा नियुक्त वरिष्ठ डॉक्टर यह सब करते हैं."

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

जेल के महानिदेशक संजय बेनीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से लगाए गए आरोपों को खंडन करते हुए कहा कि तिहाड़ में लगभग 1,000 मधुमेह रोगी हैं और उन्हें एम्स और राम मनोहर लोहिया अस्पताल सहित वरिष्ठ डॉक्टरों की सलाह के अनुसार भोजन और दवा दी जाती है. 

उन्होंने एनडीटीवी से कहा, ''हम आमतौर पर इस तरह के दबाव का सामना करते हैं, हमें इसे सहने की आदत है, यह जीवन का हिस्सा है." केजरीवाल यह आरोप लगाते हुए अदालत गए हैं कि दिल्ली शराब नीति मामले में 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के बाद से उन्हें इंसुलिन से वंचित किया जा रहा है. एक निजी चिकित्सक के साथ वीडियो कॉल के उनके अनुरोध को मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने अस्वीकार कर दिया है.

इस बीच उनकी आम आदमी पार्टी ने तिहाड़ जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है. आरोपों को "निराधार" बताते हुए बेनीवाल ने कहा कि वे अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे. आप जो भी आरोप लगा रही है, हमने अदालत में उनका बहुत अच्छी तरह से जवाब दिया है." उन्होंने कहा, "अदालत ने हमसे जो भी सवाल पूछे हैं, हमने उनका बहुत अच्छी तरह से जवाब दिया है. अदालत जो कहती है, हम सभी उसे स्वीकार करते हैं. वे ये सभी आरोप क्यों लगा रहे हैं? इसका जवाब उन्हें ही देना चाहिए."

बेनीवाल ने कहा कि क्या आपको लगता है कि जेल में धीमा जहर दिया जा सकता है? क्या आप खुद सोचते हैं कि यह संभव है? उन्होंने कहा, "हमारी जेल में लगभग 900 से 1000 कैदी मधुमेह से पीड़ित हैं. कुछ को दवाएं दी जाती हैं, कुछ को इंसुलिन, कुछ को कुछ और चाहिए... हमारे सरकार द्वारा नियुक्त वरिष्ठ डॉक्टर यह सब करते हैं."

जेल मैनुअल के तहत मौजूदा व्यवस्था के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब किसी की बीमारी गंभीर होती है, तो हम रेफरल अस्पताल से सलाह लते हैं, जो जेल के बाहर है. उन्होंने कहा, "हमारे रेफरल अस्पतालों में एम्स, आरएमएल और अन्य अस्पताल शामिल हैं. यह सभी कैदियों के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है. किसी भी विशेष कैदी के लिए कोई ए बी सी डी श्रेणी नहीं है."

Featured Video Of The Day
Bhopal में बड़ी 'मछली' का 'मायालोक', 150 करोड़ की अवैध संपत्ति पर चला बुलडोजर | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article