सियाचिन में ड्यूटी के दौरान एक अग्निवीर की मौत हो गई। सेना की लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी कोर' ने रविवार को यह जानकारी दी. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंक के कर्मियों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण की मौत पर शोक व्यक्त किया है. काराकोरम पर्वत श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन हिमनद को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है.यह पता चला है कि शनिवार तड़के लक्ष्मण की मौत हो गई.
‘फायर एंड फ्यूरी कोर' ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ ‘फायर एंड फ्यूरी कोर' के सभी अधिकारी सियाचिन की दुर्गम ऊंचाइयों पर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर (ऑपरेटर) गवते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.''
सैन्य सूत्रों ने बताया कि अग्निवीरों की भर्ती करने के नियमों में, ड्यूटी पर दुर्घटनाओं में मौत होने की स्थिति में परिलाभ शामिल है. इसके मुताबिक, मृतक अग्निवीर के परिजनों को गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी.
इसके अलावा, परिजनों को सेवा निधि से भी राशि मिलेगी जिसमें अग्निवीर के योगदान(30 प्रतिशत), सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज की राशि शामिल है.
सूत्रों ने कहा कि परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल में बचे शेष कार्यकाल का वेतन (13 लाख रुपये से अधिक राशि) भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष' से आठ लाख रुपये की राशि भी मिलेगी.