उमर अब्दुल्ला तलाक केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'पति-पत्‍नी बैठकर गंभीरता से करें बात...'

उमर अब्दुल्ला के वकील की तरफ से बताया गया कि 15 साल से दोनों अलग रह रहे हैं. गुजारा भत्ता कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिया जा रहा है. हालांकि, पैरेंट्स से बच्चों के रिलेशन काफी बेहतर है. हाईकोर्ट ने पायल अब्दुल्ला के गुजारा भत्ता बढ़ा दिया था.

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उमर अब्दुल्ला तलाक केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'पति-पत्‍नी बैठकर गंभीरता से करें बात...'
वकील कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि तलाक के लिए पायल अब्दुल्ला सहमत नहीं हो रही...
नई दिल्‍ली:

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला के बीच तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को दोबारा मध्यस्थता के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन हफ्ते के अंदर दोनों पक्ष मिलकर मामले पर गंभीरता से बात करें. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 7 मई को करेगा.  उमर अब्दुल्ला की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि तलाक के लिए पायल अब्दुल्ला सहमत नहीं हो रही हैं और 300 करोड़ की एलिमनी की मांग कर रही हैं. 

कपिल सिब्बल की इस दलील का विरोध करते हुए पायल अब्दुल्ला के वकील श्याम दीवान ने कहा कि सिब्बल गलत आंकड़ा पेश कर रहे हैं. इसके बाद पायल अब्दुल्ला के वकील श्याम दीवान ने ही कोर्ट को दोबारा मीडिएशन की सलाह दी. इसपर जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि दोनों पक्ष गंभीरता पूर्वक एकबार फिर साथ बैठें. मुद्दों पर विचार करें और हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष गंभीरता दिखाएंगे और मामला सुलझ जाएगा. 

उमर अब्दुल्ला के वकील की तरफ से बताया गया कि 15 साल से दोनों अलग रह रहे हैं. गुजारा भत्ता कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिया जा रहा है. हालांकि, पैरेंट्स से बच्चों के रिलेशन काफी बेहतर है. हाईकोर्ट ने पायल अब्दुल्ला के गुजारा भत्ता बढ़ा दिया था. कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला को पायल को डेढ़ लाख रुपये गुजारा भत्ता और दोनों बेटों को 60 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था, जबकि निचली अदालत ने जुलाई 2018 में आदेश दिया था कि उमर अब्दुल्ला अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला को 75 हजार रुपये हर महीने, जबकि दोनों बच्चों को 25 हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने को कहा था, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने बढ़ा दिया था.

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