नो ब्लैंकेट बैन...दिल्ली में पुराने वाहन मालिकों को कैसे मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, अदालत ने क्या-क्या कहा

26 जुलाई को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 2018 में लागू हुए उस आदेश की समीक्षा की मांग की थी, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर दंडात्मक कार्रवाई फिलहाल रोक दी है
  • दिल्ली सरकार ने कोर्ट में याचिका दायर कर वाहन की उम्र के बजाय प्रदूषण स्तर और फिटनेस को आधार बनाने की मांग की
  • सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से वाहन मालिकों पर फिलहाल कोई दंडात्मक कदम न उठाने का अनुरोध किया
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगे प्रतिबंध के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है.  मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ ने आदेश दिया कि फिलहाल इन वाहनों के मालिकों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है. 

क्या है पूरा मामला, दिल्ली सरकार का क्या कहना है? 

26 जुलाई को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 2018 में लागू हुए उस आदेश की समीक्षा की मांग की थी, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया था. दिल्ली सरकार का तर्क था कि मौजूदा पॉलिसी मध्यम वर्ग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर अनुचित दबाव डाल रही है और वाहन की उम्र के बजाय उसके वास्तविक प्रदूषण स्तर और फिटनेस को आधार बनाकर नियम तय किए जाने चाहिए. सरकार ने बीएस-6 इंजन को बीएस-4 की तुलना में काफी स्वच्छ बताया और कहा कि उत्सर्जन-आधारित नियमन से ही वायु प्रदूषण पर असरदार नियंत्रण संभव है. 

सरकार ने अदालत में क्या कहा? 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से गुजारिश की कि फिलहाल कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए. अदालत ने सहमति जताते हुए कहा कि नोटिस के जवाब आने तक वाहन मालिकों पर कार्रवाई न हो. साथ ही, कोर्ट ने इशारा दिया कि वैज्ञानिक आधार पर नीति की समीक्षा जरूरी है और व्यापक अध्ययन के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा. 

विशेषज्ञों का क्या कहना है? 

  • ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा कि पुराने वाहनों के इंजनों में अगर सब्सिडी के साथ बीएस-6 मानक इंजन लगवा दिए जाएं तो प्रदूषण नियंत्रण संभव है, और आधी लागत ट्रांसपोर्टर खुद देने को तैयार होंगे.
  • उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में 15 साल की जगह 10 साल का नियम लागू करना अन्य राज्यों के वाहनों के प्रवेश पर भी असर डालेगा और इससे व्यापार प्रभावित हो सकता है. 
  • पर्यावरण विशेषज्ञों का भी मानना है कि केवल उम्र के आधार पर वाहनों को बैन करना वैज्ञानिक दृष्टि से उचित नहीं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की अनुसंधान निदेशक ने कहा कि उन्नत ऑन-रोड एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम और समय-समय पर फिटनेस टेस्ट ज्यादा कारगर समाधान हैं.

पर्यावरण विशेषज्ञों का भी मानना है कि ब्लैंकेट बैन के बजाय ऑन-रोड एमिशन टेस्टिंग ही सही रास्ता है.  सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की अनुसंधान निदेशक अनुन्मिता रॉय चौधरी ने कहा कि पुराने वाहन भी अगर एमिशन नॉर्म्स का पालन करें तो उन्हें सड़क पर चलने की अनुमति मिलनी चाहिए.  उन्होंने वाहन की फिटनेस टेस्ट और उत्सर्जन स्तर के आधार पर नीति बनाने की सिफारिश की.  

पुराने वाहनों पर बैन की टाइमलाइन

(दिल्ली-एनसीआर) 2015-2018

  • NGT और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
  • 10 साल से पुराने डीज़ल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध. 
  • उद्देश्य: कार्बन उत्सर्जन में कमी और वायु गुणवत्ता में सुधार. 
  • आदेश का क्रियान्वयन – BS-IV मानकों के तहत कड़े कदम

2024 – जून 2025 (पायलट एन्फोर्समेंट व स्क्रीनिंग)

  • फ्यूल स्टेशनों पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) सिस्टम लगाए गए. 
  • 3-4 करोड़ वाहनों की स्कैनिंग. 
  • 4.9 लाख वाहन ELV (End of Life Vehicles) के रूप में चिन्हित किए गए. 
  • लगभग 44,000 वाहन रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग फैसिलिटी में भेजे गए. 
  • जुलाई 2025 (प्रारंभिक ईंधन प्रतिबंध लागू)
  • दिल्ली में ELV वाहनों को ईंधन देने पर रोक.
  • जब्ती की हुई शुरुआत 

जुलाई 2025 (तकनीकी अड़चनें व NCR में हुई देरी) 

  • ANPR कवरेज और डेटाबेस से जुड़ी समस्याओं के कारण NCR में पाबंदी टली. 
  • 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अहम फैसला सुनाया 

 ये भी पढ़ें-: आपके आधार कार्ड में क्या-क्या है? सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट ने क्यों खींची इसकी सीमा, जानिए सबकुछ

Featured Video Of The Day
Pakistan की 'प्यास' का सर्वे EXCLUSIVE | Kachehri With Shubhankar Mishra | India-Pakistan Tension
Topics mentioned in this article