- ओला इलेक्ट्रिक्स के इंजीनियर के अरविंद की आत्महत्या से मौत, 28 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़कर गए
- अरविंद ने 28 सितंबर को बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर जहर खाकर आत्महत्या की और अस्पताल में उपचार के दौरान मौत
- पुलिस ने अरविंद की आत्महत्या के बाद 6 अक्टूबर को भाविश अग्रवाल, सुब्रत कुमार दास और अन्य पर FIR दर्ज किया
ओला इलेक्ट्रिक्स में काम करने वाले एक 38 वर्षीय इंजीनियर की आत्महत्या से मौत हो गई है. इंजीनियर के अरविंद आत्महत्या से पहले 28 पन्नों का अपने हाथों से लिखा एक नोट छोड़ा है जिसमें उन्होंने ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल सहित अपने सीनियर्स पर मानसिक उत्पीड़न और वित्तीय शोषण करने का आरोप लगाया है. हालांकि ओला ने एक बयान में कहा कि के अरविंद ने कभी भी अपनी नौकरी या ओला में उत्पीड़न के संबंध में कोई शिकायत नहीं की थी.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार के अरविंद 2022 से ओला में होमोलॉगेशन इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे. उन्होंने 28 सितंबर को बेंगलुरु के चिक्कलसंद्रा स्थित अपने आवास पर जहर खा लिया. उसके बाद उनके दोस्तों ने उन्हें संकट में पाया और तुरंत उन्हें महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल ले गए, जहां उनका इलाज चल रहा था. हालांकि, उसी दिन उनकी मृत्यु हो गई.
के अरविंद की मृत्यु के तुरंत बाद, उनके भाई को उन्हें संबोधित 28 पन्नों का एक नोट मिला, जिसमें ओला इंजीनियर ने सुब्रत कुमार दास और भाविश अग्रवाल पर वर्कप्लेस पर उत्पीड़न और दबाव बनाने का आरोप लगाया था. नोट में कहा गया है कि अरविंद को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उनका वेतन और भत्ता देने से इनकार कर दिया गया, जिसके कारण अंततः उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी.
अरविंद के भाई के अनुसार, उनकी मृत्यु के दो दिन बाद उनके खाते में NEFT के माध्यम से 17,46,313 रुपये का संदिग्ध बैंक ट्रांसफर किया गया था. उन्होंने कहा, जब भाई ने लेनदेन के बारे में स्पष्टीकरण के लिए ओला से संपर्क किया, तो सुब्रत दास ने कथित तौर पर साफ-साफ कुछ नहीं बताया. अधिकारियों ने कहा कि बाद में, कंपनी के तीन प्रतिनिधियों - कृतेश देसाई, परमेश और रोशन - ने अरविंद के आवास का दौरा किया, लेकिन पैसे ट्रांसफर करने के संबंध में कोई सुसंगत जानकारी नहीं दी, जिससे उनके परिवार के सदस्यों के बीच कंपनी के इरादों के बारे में संदेह पैदा हो गया.
अरविंद के भाई की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 6 अक्टूबर को भाविश अग्रवाल, दास और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया.
FIR में आरोप लगाया गया है कि अरविंद की मौत के लिए उनके सीनियर्स द्वारा लगातार उत्पीड़न, अपमान और वित्तीय शोषण सीधे तौर पर जिम्मेदार था. उनके परिवार ने पुलिस से सुब्रत दास और भाविश अग्रवाल सहित आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके.
ओला ने क्या कहा है?
ओला ने आज एक बयान जारी कर अपने कर्मचारी की मौत पर शोक व्यक्त किया. ओला ने कहा है, "हमें अपने सहकर्मी अरविंद के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर गहरा दुख हुआ है और इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं. अरविंद साढ़े तीन साल से अधिक समय से ओला इलेक्ट्रिक के साथ जुड़े हुए थे और हमारे हेडक्वाटर बेंगलुरु में थे. अपने कार्यकाल के दौरान, अरविंद ने कभी भी अपने रोजगार या किसी उत्पीड़न के संबंध में कोई शिकायत नहीं की. उनकी भूमिका में प्रमोटर सहित कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के साथ कोई सीधा संपर्क शामिल नहीं था."
कंपनी ने यह भी कहा कि उसने अपने संस्थापक और अन्य के खिलाफ हुई FIR को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "ओला इलेक्ट्रिक और उसके अधिकारियों के पक्ष में सुरक्षात्मक आदेश पारित किए गए हैं. परिवार को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए, कंपनी ने तुरंत उनके बैंक खाते में पूरी और फाइनल सेटलमेंट की सुविधा दी है. ओला इलेक्ट्रिक अधिकारियों के साथ चल रही जांच में पूरा सहयोग कर रही है और सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित, सम्मानजनक और सहायक वर्कप्लेस बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है."
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