ये सिस्टम की हत्या...ओडिशा में छात्रा की मौत पर सियासी संग्राम, राहुल गांधी से लेकर नवीन पटनायक ने क्या कहा

ओडिशा के बालासोर जिले में एक कॉलेज छात्रा की मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई न होने से आहत होकर छात्रा ने खुद को आग लगा ली थी. छात्रा की मौत पर विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर हमला बोल दिया है और राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है.

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  • ओडिशा में बीएड छात्रा ने शिक्षक द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायतों के अनसुने जाने के बाद आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिसमें छात्रा बुरी तरह झलुस गई थी.
  • आग में बुरी तरह झुलसी छात्रा की मौत के बाद कांग्रेस, बीजद और अन्य विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर घेर लिया है.
  • कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से इस्तीफा मांगते हुए 17 जुलाई को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है और न्याय की मांग की है.
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भुवनेश्वर/नई दिल्ली:

ओडिशा के बालासोर जिले की एक छात्रा की मौत ने पूरे राज्य की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया है. कॉलेज में पढ़ाने वाले एक शिक्षक के यौन उत्पीड़न से आहत होकर छात्रा ने खुद को आग लगा ली थी. जिसके बाद जिंदगी से जंग लड़ते हुए उसने दम तोड़ दिया. छात्रा की मौत के साथ ही ओडिशा की सत्ता की गलियों में सवालों की गूंज तेज हो गई है. विपक्ष इसे सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि ‘सिस्टम की हत्या' करार दे रहा है. कांग्रेस, बीजद  और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. विपक्ष का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने छात्रा की गुहार सुनी होती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. छात्रा के पिता सरकार से मुआवजे की नहीं, बल्कि अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग रहे हैं. इस पूरे मामले ने न केवल राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि एक बार फिर यह भी साबित किया है कि हमारी संस्थागत संवेदनशीलता कितनी खोखली है.

क्या है मामला

एक शिक्षक द्वारा‘‘यौन उत्पीड़न'' किए जाने के मामले में लड़की को न्याय नहीं मिल रहा था उसकी तमाम शिकायतों को अनसुना कर दिया गया जिसके बाद सिस्टम से तंग आकर लड़की ने खुद को आग लगा ली. आग लगाने वाली छात्रा ने 3 दिन तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भुवनेश्वर एम्स में सोमवार रात दम तोड़ दिया. वह बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय में बीएड की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी. शिक्षक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से आहत छात्रा ने शनिवार को यह कदम उठाया और वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी. छात्रा का शव मंगलवार को ओडिशा के बालासोर जिले में उसके पैतृक गांव लाया गया. उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग श्मशान घाट पहुंचे. बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी, जिले के अधिकारी और अन्य लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए. छात्रा के शव का अंतिम संस्कार उसके परिवार और अन्य ग्रामीणों की मौजूदगी में किया गया.

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राहुल गांधी ने बताया सिस्टम की हत्या

राहुल गांधी ने ओडिशा की बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि ओडिशा में इंसाफ़ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत, सीधे-सीधे BJP के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है. उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई - लेकिन न्याय देने के बजाय, उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, बार-बार अपमानित किया गया. जिन्हें उसकी रक्षा करनी थी, वही उसे तोड़ते रहे. हर बार की तरह BJP का सिस्टम आरोपियों को बचाता रहा - और एक मासूम बेटी को खुद को आग लगाने पर मजबूर कर दिया. ये आत्महत्या नहीं, सिस्टम द्वारा संगठित हत्या है. ओडिशा हो या मणिपुर - देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, दम तोड़ रही हैं. और आप? खामोश बने बैठे हैं. देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए, भारत की बेटियों को सुरक्षा और इंसाफ़ चाहिए.

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कांग्रेस ने की सीएम के इस्तीफे की मांग

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास ने इस घटना को राज्य की कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा की पोल खोलने वाला करार दिया. उन्होंने कहा कि बालासोर की छात्रा की मौत यह साफ दिखाती है कि ओडिशा सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम रही है. वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे पर वाम दलों समेत आठ विपक्षी दलों के साथ मिलकर 17 जुलाई को ओडिशा बंद बुलाने का ऐलान किया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के राज में जंगल राज कायम है. हमने विधानसभा में बार-बार बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया. मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर तक सबको पता था, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.

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छात्रा के पिता की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी ने मुझे लड़ना सिखाया और मैं यह लड़ाई जारी रखूंगा. मुझे न धन की जरूरत है, न किसी मुआवजे की, मुझे मेरी बेटी चाहिए. क्या सरकार मेरी बच्ची को मुझे वापस ला सकती है?'' जब छात्रा की मां से उनकी मांगों के बारे में पूछा गया तो वे बस इतना ही कह सकीं, ‘‘कृपया मुझे माफ कर दीजिए. मैं कुछ कहने की हालत में नहीं हूं.''

सीपीआई(एम)  ने क्या कुछ कहा

सीपीआई(एम) के ओडिशा राज्य सचिव सुरेश चंद्र पाणिग्रही ने इस घटना को सरकार का नैतिक पतन और संस्थागत विफलता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की हत्या है. कॉलेज, शिक्षक, जिला प्रशासन और सरकार सबने इस बच्ची को यूं ही अकेला छोड़ दिया. छात्रा की जान शिकायतों को नजरअंदाज करने की कीमत पर गई है. इसलिए हम मांग करते हैं कि इस मामले की हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच हो. उच्च शिक्षा मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक साल में मोहन माझी सरकार महिलाओं, आदिवासियों और प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.

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पूर्व सीएम नवीन पटनायक सरकार पर बरसे

बीजू जनता दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोशल मीडिया पर दुख जताते हुए लिखा कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता है. सोचिए, कैसे एक नाकाम सिस्टम किसी की जान ले सकता है. अगर किसी एक ने भी व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेकर इस मामले में अपना दखल दिया होता, तो शायद वह छात्रा जिंदा होती. यह पूरी तरह संस्थागत विश्वासघात है. मैं इस मामले में राज्यपाल से अपील करता हूं कि न केवल कॉलेज प्रशासन बल्कि सत्ता में बैठे लोग भी जवाबदेह ठहराए जाएं.

ओडिशा सीएम और राज्यपाल ने क्या कहा

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आत्मदाह करने वाली छात्रा के परिवार के लिए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंगलवार को घोषणा की. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, माझी ने संबंधित अधिकारियों को घटना की उचित जांच करने का निर्देश दिया ताकि सभी दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलाई किया जा सके. राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने भी छात्रा की मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की एक छात्रा की असामयिक मृत्यु की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. उसकी मृत्यु सिर्फ एक अकस्मात् घटना नहीं है-यह हमारे परिसरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की सख्त जरूरत का एक साफ संकेत है.''

बीजेपी ने राहुल गांधी पर राजनीति करने का आरोप लगाया

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी पर सियासत करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस का ओडिशा की बेटी के साथ हुए दुखद घटना पर ओछी राजनीति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. एक गंभीर और संवेदनशील मामले को राजनीतिक हथियार बनाना, सस्ती मानसिकता को दर्शाता है. ओडिशा की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने इसे भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का मौका बना लिया है. पीएम मोदी जी और भाजपा ने हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जबकि कांग्रेस ने हमेशा हर दुर्घटना में अवसर तलाशने का काम किया है. इस घटना पर ओडिशा सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. मगर, यह समय सस्ती राजनीति का नहीं, बल्कि पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने का है. राहुल गांधी को अपने इस गैर-ज़िम्मेदाराना बयान के लिए पीड़ित परिवार से तुरंत माफी मांगनी चाहिए.

विपक्ष की रणनीति और आगे की तैयारी

कांग्रेस, सीपीआई(एम) और अन्य विपक्षी दलों ने संयुक्त बैठक बुलाकर सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने की बात कही है. सीपीआई(एम) ने साफ कहा है कि वे सरकार की “असंवेदनशीलता” के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे और दोषियों को जल्द सजा दिलाने के लिए दबाव बनाएंगे. कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने कॉलेज छात्रा की मौत के विरोध में 17 जुलाई को ओडिशा बंद का आह्वान किया है. कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा कि बंद को वाम दलों सहित आठ दलों का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने दावा किया कि बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय में हुई यह घटना दर्शाती है कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम रही है.

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