ओडिशा के KIIT में मृत पाई गई 18 साल की नेपाली स्टूडेंट, 90 दिनों में दूसरा ऐसा मामला...

90 दिनों से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब KIIT में इसी तरह की परिस्थितियों में एक नेपाली छात्रा की मौत हुई है.

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90 दिनों से कम समय में KIIT में दूसरा ऐसा मामला

भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में गुरुवार, 1 मई की शाम को नेपाल की एक ग्रेजुएशन छात्रा अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई. तीन महीने के भीतर यूनिवर्सिटी में किसी नेपाली छात्रा की मौत की यह दूसरी घटना है. छात्रा की पहचान कंप्यूटर साइंस बी.टेक प्रोग्राम में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट के रूप में की गई है. वह नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 135 किमी दूर स्थित बीरगंज की मूल निवासी थी. पुलिस ने बताया कि उसकी बॉडी संस्थान के एक गर्ल्स हॉस्टल में उसके कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया.

रात करीब आठ बजे पुलिस और यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद फोरेंसिक टीमों को घटनास्थल पर पहुंची. भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त सुरेश देव दत्त सिंह ने बॉडी मिलने की पुष्टि की और कहा कि मामले को संदिग्ध आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम के नतीजे आने तक पर ही पुख्ता जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा, "आज, हमें जानकारी मिली है कि नेपाल की एक लड़की की KIIT यूनिवर्सिटी में सुसाइड से मौत हो गई है. हम वहां पहुंचे और मामले की जांच की. मामले की विस्तृत जांच की जाएगी. वैज्ञानिक टीम पहुंची और उसने सभी जरूरी डिटेल्स जमा किए. उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है. बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया गया है."

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर नेपाल के स्टूडेंट्स की सुरक्षा और कल्याण को लेकर चिंताएं फिर से पैदा कर दी हैं. मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

दूसरी ऐसी घटना

90 दिनों से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब KIIT में इसी तरह की परिस्थितियों में एक नेपाली छात्रा की मौत हुई है. 16 फरवरी को बी.टेक थर्ड ईयर की छात्रा और नेपाली नागरिक प्रकृति लमसल अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई. लैम्सल की मृत्यु के कारण नेपाली स्टूडेंट समुदाय ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था और बीजू जनता दल (बीजेडी) नेता और पूर्व सांसद अच्युता सामंत द्वारा स्थापित और संचालित यूनिवर्सिटी की आलोचना की थी.

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लैम्सल के मामले में बाद में यह सामने आया कि उसने साथ पढ़ने वाले एक छात्र पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिलेशंस ऑफिस में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की थी. शिकायत के बावजूद, यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद छात्रों और नागरिक समाज समूहों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बाद में यूनिवर्सिटी की निष्क्रियता को "घोर लापरवाही" बताया था. उस मामले में आरोपी को उसकी मौत के एक दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.

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सरकार ने क्या कहा 

गुरुवार की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, ओडिशा के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने एक बयान जारी कर संवेदना व्यक्त की और पुष्टि की कि राज्य सरकार गहन जांच सुनिश्चित करेगी. बयान में कहा गया है, "लड़की के माता-पिता को यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने तुरंत घटना के बारे में सूचित किया. संकट की इस घड़ी में, राज्य सरकार मृतका के परिवार को अपना सपोर्ट देती है और उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती है." 

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नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने पुष्टि की कि पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक चैनल सक्रिय कर दिए गए हैं. 

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भारत में नेपाली समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र संगठनों ने इस घटना को यूनिवर्सिटी की तरफ से छात्र कल्याण की उपेक्षा का "परेशान करने वाला पैटर्न" बताया. अखिल भारत नेपाली एकता समाज के प्रवक्ता समर बहादुर ने कहा, "हम एक निष्पक्ष और तेज जांच की मांग करते हैं. यह कोई अलग मामला नहीं है. तीन महीने के भीतर एक ही छात्रावास में दो नेपाली लड़कियों की मौत हो गई है. जवाब मिलना चाहिए, और यदि कोई जिम्मेदार है - चाहे कार्रवाई के माध्यम से या निष्क्रियता के माध्यम से - तो उन्हें परिणाम भुगतना होगा."

(देव कुमार के इनपुट्स के साथ)

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