केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को परमाणु ऊर्जा उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी निवेश की खातिर खोले जाने की घोषणा की, क्योंकि सरकार का लक्ष्य 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को घटाकर शून्य करना है.
सीतारमण ने कहा कि सरकार परमाणु ऊर्जा के लिए नयी प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास की खातिर निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगी. उन्होंने कहा कि फरवरी में अंतरिम बजट में घोषित 1,000 अरब रुपये के अनुसंधान और विकास निधि को परमाणु क्षेत्र के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.
हालांकि, सरकार को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों के निवेश की अनुमति देने के लिए परमाणु ऊर्जा कानून में संशोधन करना होगा, क्योंकि मौजूदा कानून के तहत परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकियों के प्रबंधन के लिए केवल सरकारी संस्थाओं को ही अनुमति है.
सीतारमण ने कहा था, 'यह कोष लंबी अवधि और कम या शून्य ब्याज दरों के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण करेगा. यह निजी क्षेत्र को उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.'