शिक्षा मंत्रालय ने ‘नीट-यूजी' मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की पुन जांच करने के लिए एक समिति गठित की है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.
नीट परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप पर NTA के डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है. 1600 छात्रों के शिकायत का मामला है. इसकी जांच चार सदस्यीय कमेटी करेगी. छात्रों की शिकायत सुनने के बाद फैसला लिया जाएगा.
NTA के डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि NEET परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं है. कमेटी के सुझाव के आधार पर देखा जाएगा कि क्या दूसरा फार्मूला हो सकता है. हमारे पास ऐसा कुछ नहीं है कि जो छुपाया जाए. कमेटी में कुल 4 मेंबर हैं, जो शिकायत वाले सेंटर्स का विजिट करेंगे.
एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह ने बताया, “यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति एक हफ्ते में अपनी सिफारिश देगी और इन अभ्यर्थियों के परिणाम संशोधित किए जा सकते हैं.”
राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि अंकों को बढ़ाया गया है जिस वजह से 67 अभ्यर्थियों को पहला स्थान मिला है और इनमें से पांच एक ही केंद्र के हैं.
NEET मुद्दे पर उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति ने कहा, "हमारी समिति ने बैठक की और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अवलोकन किया. उन्होंने पाया कि कुछ केंद्रों पर समय की बर्बादी हुई और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए. समिति ने सोचा कि वे शिकायतों को दूर कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं. इसलिए कुछ छात्रों के अंक बढ़ाए गए। इसके कारण, कुछ छात्रों की चिंताएं सामने आईं क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 67 उम्मीदवार टॉपर बन गए... हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और परिणाम जारी किए. 4750 केंद्रों में से, यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित थी और 24 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा. पूरे देश में इस परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया. कोई पेपर लीक नहीं हुआ. पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है."
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