राज्यसभा में PM मोदी का विपक्षी दलों पर हमला- 'NPR 2010 में आया फिर अब क्यों...'

राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर राज्‍यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) नागरिकता कानून (CAA) और एनपीआर (NPR) को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला.

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पीएम मोदी ने राज्यसभा में विपक्षी दलों पर बोला हमला.
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पीएम नरेंद्र मोदी का विपक्षी दलों पर हमला
NPR और सीएए को लेकर साधा निशाना
कहा- NPR लाने वाले ही लोगों को बेवकूफ बना रहे
नई दिल्ली:

राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर राज्‍यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) नागरिकता कानून (CAA) और एनपीआर (NPR) को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि NPR 2010 में आया फिर विपक्ष अब क्यों लोगों को बेवकूफ बना रहा है? पीएम ने कहा कि 'एनपीआर लाने वाले अब गलत सूचना फैला रहे हैं. यह 2010 में किया गया था, हम 2014 में आए ... हमारे पास सभी रिकॉर्ड हैं. आप झूठ क्यों बोल रहे हैं? आप लोगों को मूर्ख क्यों बना रहे हैं? उन्होंने कहा कि जनगणना और एनपीआर सामान्य गतिविधियां है जो देश में पहले भी होती रही हैं, लेकिन जब वोटबैंक राजनीति की मजबूरी हो, तो खुद एनपीआर को 2010 में लाने वाले, आज लोगों में भ्रम फैला रहे हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री एक ओर तो आगाह करते हैं कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों में चरमपंथी तत्व घुस रहे हैं और दूसरी ओर उनकी पार्टी दिल्ली में ऐसे प्रदर्शनों का समर्थन करती है. प्रधानमंत्री मोदी ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के उन बयानों को भी उद्धृत किया, जिनमें पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों का समर्थन किया गया था. मोदी ने कहा, 'क्या देश को गुमराह करना और गलत जानकारी देना सही है? क्या ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी अभियान का हिस्सा हो सकता है? सीएए पर कई विपक्षी दलों ने जो रास्ता चुना है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.'

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प्रधानमंत्री ने कहा, 'केरल के मुख्यमंत्री एक ओर तो आगाह करते हैं कि राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में चरमपंथी तत्व शामिल हो रहे हैं और दूसरी ओर वाम दल के सदस्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऐसे प्रदर्शनों का समर्थन भी करते हैं.' मोदी ने कहा कि सीएए के विरोध में प्रदर्शनों की आड़ में अलोकतांत्रिक गतिविधियों को छिपाने के प्रयास हुए हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों से किसी को भी राजनीतिक लाभ नहीं होने जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीएए को लेकर लोगों को डराने के बजाय सही जानकारी मुहैया कराए जाने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा, 'सीएए के विरोध में जो हिंसा हुई उसे आंदोलन का अधिकार मान लिया गया, सीएए के बारे में जो भी प्रचारित किया जा रहा है उसके बारे में सभी साथियों को खुद से पूछना चाहिये कि क्या उन्हें देश को गुमराह करना चाहिये. यह रास्ता सही नहीं हैं. हम सब मिल कर इस पर विचार करें.' मोदी ने कहा, 'अल्पसंख्यकों की दुहाई देने वाले लोग उनकी पीड़ा भी महसूस करें जो पड़ोस में अल्पसंख्यक बन गए. जो लोग कभी 'साइलेंट' थे वे आज 'वायलेंट' हैं.' प्रधानमंत्री के अनुसार, 'समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने कहा था, 'हिंदुस्तान का मुसलमान जिये और पाकिस्तान का हिंदू जिये. मैं इस बात को ठुकराता हूं कि पाकिस्तान के हिंदू पाकिस्तान के नागरिक हैं इसलिये हमें उनकी परवाह नहीं करना चाहिए.'

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(इनपुट: भाषा)

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