अब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने के लिए और क्या सबूत चाहिए : यूपी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए और कितने सबूतों की आवश्यकता है?

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा (फाइल फोटो).
लखनऊ:

लखीमपुर खीरी में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार को विशेष जांच दल (SIT) द्वारा अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल उठाया कि अब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने के लिए और कितने सबूतों की आवश्यकता है.समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा कि आज भाजपा का हर समर्थक-कार्यकर्ता शर्मिंदा है और सामाजिक बहिष्कार के डर से डरा है.

लल्लू ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में एसआईटी के आरोपपत्र का हवाला देकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र 'टेनी' को बर्खास्त करने की मांग की.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में एसआईटी द्वारा सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा 'मोनू' मौके पर मौजूद थे और जांच एजेंसी ने उन्हें घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. एसआईटी ने आशीष मिश्रा को ही मुख्‍य आरोपी बनाया है.

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लल्लू ने सवाल किया कि अब अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए और क्या सबूत चाहिए. मंत्री को अविलंब बर्खास्त करने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके (अजय मिश्रा) रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने सबूत मिटाने के अपराध में नामजद किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा के संकेत के बिना इतनी बड़ी घटना संभव नहीं है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि क्या उनकी दूरबीन अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों और अपराधों को नहीं देख पा रही है.

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उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने पिछले वर्ष दिसंबर में योगी आदित्यनाथ सरकार के कानून व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा था, '2017 से पहले, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को देखकर मेरा खून खौल जाता था. पहले की सरकार के दौर में लड़कियां बाहर नहीं आ सकती थीं. हर जिले में दो-तीन 'बाहुबली' होते थे लेकिन आज दूरबीन लेकर खोजूं तो कहीं कोई 'बाहुबली' नजर नहीं आता.'

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लल्‍लू ने दावा किया कि इस राज्य के लोग किसानों के नरसंहार को कभी नहीं भूलेंगे तथा भाजपा सरकार को माफ नहीं करेंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में वे भाजपा सरकार को सबक सिखाएंगे.

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सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद ट्वीट किया ''लखीमपुर किसान हत्याकांड में पांच हज़ार पन्नों का आरोप पत्र वास्तव में भाजपा की डबल इंजन सरकार का काला चिट्ठा है. आज भाजपा का हर समर्थक-कार्यकर्ता शर्मिंदा है और सामाजिक बहिष्कार के डर से डरा है. जो जीवन देनेवाले अन्नदाता की हत्या कर सकते हैं, वो किसी और को क्या छोड़ेंगे.''

इसके पहले यादव ने हर महीने की तीन तारीख को मनाए जाने वाले ‘लखीमपुर किसान स्मृति दिवस' की कड़ी में ‘किसानों की शहादत' याद करने और लोगों को भाजपा की क्रूरता की याद दिलाने की अपील की थी.

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