महाराष्ट्र में अब हर नाविक को रखना होगा QR कोड वाला आधार कार्ड

महाराष्‍ट्र में अब समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने जाने वाले प्रत्येक नाविक को क्यूआर कोड वाला आधार कार्ड साथ रखना अनिवार्य है. मत्स्य विभाग ने यह कदम राज्य के तट पर ड्रोन आधारित हवाई निगरानी शुरू करने के बाद उठाया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मुंबई:

महाराष्ट्र में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए राज्य मत्स्य विभाग ने शुक्रवार को निर्देश जारी किया है. विभाग ने राज्य के सभी बंदरगाहों पर मछली पकड़ने जाने वाले प्रत्येक नाविक के लिए क्यूआर कोड वाला आधार कार्ड ले जाना अनिवार्य कर दिया है. मत्स्य विभाग के आयुक्त किशोर तावड़े के निर्देश तब आए, जब मत्स्य पालन एवं बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे ने दक्षिण मुंबई स्थित ससून डॉक का दौरा किया और वहां देखा कि ज्यादातर नाविकों के पास आधार कार्ड नहीं थे.

उस समय राणे ने निर्देश जारी कर मछली पकड़ने जाने वाले नाविकों के लिए आधार कार्ड रखना अनिवार्य करने का निर्देश दिया था. इसके बाद, मछली पालन विकास आयुक्त ने शुक्रवार को यह निर्देश जारी किया.

क्यूआर कोड वाला आधार कार्ड साथ रखना अनिवार्य

समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने जाने वाले प्रत्येक नाविक को क्यूआर कोड वाला आधार कार्ड साथ रखना अनिवार्य है. साथ ही, भारतीय व्यापारिक नौवहन अधिनियम, 1958 की धारा 435 (एच) और महाराष्ट्र समुद्री मत्स्य विनियमन अधिनियम, 1981 (संशोधित 2021) की धारा 6 (4) के प्रावधानों के अनुसार, देश में मछली पकड़ने वाले जहाज की पंजीकरण नंबर स्थायी रूप से लिखना भी अनिवार्य है.

जहाज के केबिन की छत पर चित्रित करना होगा जरूरी 

निर्देश के अनुसार, "जहाज की पंजीकरण संख्या जहाज के पिछले (ऊपरी) हिस्से में दोनों तरफ स्पष्ट रूप से दिखाई देनी चाहिए. जहाज के केबिन की छत पर इसे चित्रित करना अनिवार्य होगा. ऐसी कार्रवाई करने के बाद ही जहाजों के मछली पकड़ने के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा और मछली पकड़ने के टोकन जारी किए जाएंगे."

ड्रोन निगरानी और डिजिटल डेटा रखरखाव तंत्र स्थापित

मत्स्य विभाग ने यह कदम पिछले महीने महाराष्ट्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने पर कड़ी नजर रखने के लिए राज्य के तट पर ड्रोन आधारित हवाई निगरानी शुरू करने के बाद उठाया है. इन उपकरणों द्वारा साझा की जाने वाली फीड पर नज़र रखने के लिए मत्स्य विभाग के मुंबई कार्यालय में एक ड्रोन निगरानी और डिजिटल डेटा रखरखाव तंत्र स्थापित किया गया है.

मंत्री ने कहा कि ड्रोन निगरानी परियोजना पालघर, ठाणे, मुंबई उपनगरीय, मुंबई शहर, रायगढ़, रत्नागिरी, मिरकरवाड़ा, सिंधुदुर्ग-देवगढ़ में शुरू की गई है.
 

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Yamuna River Pollution: जहरीले होने के आरोपों के बीच यै कौन बताएगा यमुना साफ क्यों नहीं हुई?
Topics mentioned in this article