"युवा भारत की युवा पीढ़ी के लिए कुछ भी असंभव नहीं" : 'जयपुर महाखेल' के प्रतिभागियों से बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले देश के युवाओं में खेल का जज्बा तो होता था, प्रतिभा भी होती थी, लेकिन अक्सर संसाधन और सरकारी सहयोग की कमी हर बार आड़े आ जाती थी. अब हमारे खिलाड़ियों की इस चुनौती का भी समाधान किया जा रहा है.

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PM मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 'जयपुर महाखेल' के प्रतिभागियों को संबोधित किया. (फाइल)
जयपुर :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को कहा कि भारत के युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं है और हर लक्ष्य तब आसान हो जाता है जब उन्हें सामर्थ्य, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुविधाओं और संसाधनों की ताकत का अहसास होता है. मोदी ने कहा कि ‘‘मैं जानता हूं युवा भारत की युवा पीढ़ी के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. युवाओं को जब सामर्थ्य, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुविधा और संसाधन की शक्ति मिलती है तो हर लक्ष्य आसान हो जाता है.''उन्होंने कहा कि आज का युवा अपनी बहु-प्रतिभाशाली और बहु-आयामी क्षमताओं के कारण सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहता है. 

उन्होंने कहा, ‘‘देश के इस रवैये की झलक इस बार के बजट में भी दिखाई दे रही है. इस बार देश के बजट में खेल विभाग को करीब 2500 करोड़ का बजट मिला है, जबकि 2014 से पहले खेल विभाग का बजट 800-850 करोड़ रुपये के आसपास ही रह जाता था.''

उन्होंने कहा ‘‘2014 के मुकाबले देश के खेल विभाग के बजट में लगभग तीन गुना बढोत्तरी हुई है. इस बार अकेले खेलो इंडिया अभियान के लिए ही एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बजट दिया है.''

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मोदी रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 'जयपुर महाखेल' के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे. 

जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा 'जयपुर महाखेल' (मेगा स्पोर्ट) का आयोजन किया जा रहा है. 

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प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम युवाओं को खेलों में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) जैसी पहल युवाओं को प्रमुख खेल आयोजनों की तैयारी में लाभान्वित कर रही है. देश का खेल बजट 2014 से लगभग तीन गुना बढ़ गया है.'

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उन्होंने कहा, ‘‘पहले देश के युवाओं में खेल का जज्बा तो होता था.. प्रतिभा भी होती थी.. लेकिन अक्सर संसाधन और सरकारी सहयोग की कमी हर बार आड़े आ जाती थी.. अब हमारे खिलाड़ियों की इस चुनौती का भी समाधान किया जा रहा है.''

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उन्होंने ‘‘जयपुर महाखेल का उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर मे यह आयोजन बीते पांच-छह वर्षो से चल रहा है ऐसे ही देश के कोने कोने में भाजपा के सांसद अपने अपने क्षेत्रों में खेल महाकुंभों का आयोजन करवा रहे है. इन आंकड़ों खेल महाकुंभ में हजारों युवा.. हजारों प्रतिभावान खिलाड़ी अलग अलग खेलों में भाग ले रहे है. ''

उन्होंने कहा, ‘‘सांसद खेल महाकुंभ की वजह से देश की हजारो नई प्रतिभाएं उभर कर सामने आ रही है. यह सब इसलिए मुमकिन हो पा रहा है क्योंकि केन्द्र सरकार अब जिला स्तर और स्थानीय स्तर तक खेल सुविधाएं बना रही है.''

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश में खेल प्रतिस्पर्धाओं और खेल महाकुंभ का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो एक बड़े बदलाव का प्रतिबिंब है. राजस्थान की धरती तो अपने युवाओं के जोश और सामर्थ्य के लिये ही जानी जाती है.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इतिहास गवाह है कि इस वीर धरा की संतान ने रणभूमि को भी अपने शौर्य से खेल का मैदान बना दिया. इसलिए अतीत से लेकर आज तक जब भी देश की रक्षा की बात आती है तो राजस्थान के युवा कभी किसी के पीछे नहीं होते.''

उन्होंने खिलाड़ियों से कहा, ‘‘आप सब जयपुर के खेल मैदान में केवल खेलने के लिए नहीं उतरे. आप जीतने के लिए भी उतरे और सीखने के लिये भी उतरे और जहां सीख होती है, वहां जीत अपने आप सुनिश्चित हो जाती है.''

उन्होंने कहा, ‘‘खेल के मैदान से कभी कोई खिलाड़ी खाली हाथ नहीं लौटता.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान में भी केन्द्र सरकार द्वारा अनेक शहरों में खेलों के ढांचे का निर्माण हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘आज देश में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी बन रही है और खेल महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन भी पेशेवर तरीके से हो रहे है.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि ‘स्पोर्ट्स मैनेजमेंट' और 'स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी' से जुड़ी हर विद्या को सीखने का माहौल बने जिससे युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिले. पैसे की कमी के कारण कोई युवा पीछे ना रह जाये इस पर भी हमारी सरकार का ध्यान है.''

उन्होंने कहा, ‘‘बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को केन्द्र सरकार अब सालाना पांच लाख रुपए तक की मदद करती है. प्रमुख खेल पुरस्कारों में दी जाने वाली राशि भी तीन गुना तक बढ़ा दी गई है. ''

दैनिक जीवन में भी फिटनेस के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि फिटनेस केवल खेल के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दैनिक जीवन में भी आवश्यक है और खिलाड़ी के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है। उन्होंने कहा, ‘‘आप फिट रहेंगे, तभी सुपरहिट होंगे.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो खेल से संबंधित चीजें और संसाधन बनाने वाले एमएसएमई के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'खेल सिर्फ एक शैली नहीं है, बल्कि एक उद्योग है.'

उन्होंने कहा, ‘‘जहां प्रयास पूरे मन से होते है वहां परिणाम भी सुनिश्चित होते हैं. देश ने प्रयास किए, परिणाम हमने टोक्यो ओलंपिक में देखा, राष्ट्रमंडल खेलों में देखा. जयपुर महाखेल में भी आप सब के प्रयास भविष्य में ऐसे ही शानदार परिणाम देंगे.''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘‘आपसे ही देश के लिए अगले स्वर्ण और रजत पदक निकलने वाले है. आप अगर ठान लेंगे तो ओलंपिक तक तिरंगे की शान बढ़ाएंगे.. आप जिस क्षेत्र में जाएंगे वहां देश का नाम रोशन करेंगे.''

उन्होंने कहा ‘‘मुझे विश्वास है हमारे युवा देश की कामयाबी को बहुत आगे तक लेकर जाएंगे''

इस वर्ष कबड्डी पर केंद्रित यह आयोजन राष्ट्रीय युवा दिवस पर 12 जनवरी को शुरू हुआ. इसमें जयपुर ग्रामीण के सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों के 450 से अधिक ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं और वार्ड के 6,400 से अधिक युवाओं और खिलाड़ियों की भागीदारी देखी गई. 
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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