पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा: कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपी नूर मोहम्मद को किया बरी

अदालत ने आरोपी नूर मोहम्‍मद को बरी करने के आदेश में कहा कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर उसे दोषी ठहराने के लिए कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं मिला है. 

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अदालत ने आरोपी को बरी करते हुए कहा कि उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले. (प्रतीकात्‍मक)
नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने बुधवार को पुख्‍ता सबूतों के अभाव में पूर्वोत्तर दिल्ली (North East Delhi) के खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा के दौरान एक दुकान में तोड़फोड़ करने के आरोपी शख्‍स को बरी कर दिया. दिल्ली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी सभा, आगजनी और तोड़फोड़ से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने 25 फरवरी, 2020 को चांद बाग पुलिया इलाके में बन्‍नी बेकरी शॉप में दंगा, आगजनी और तोड़फोड़ के आरोप से नूर मोहम्मद उर्फ ​​नूरा को बरी कर दिया. 

अदालत ने बरी करने के आदेश में कहा कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर उसे दोषी ठहराने के लिए कोई ठोस और विश्वसनीय सबूत नहीं मिला है. 

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आरोपी को बरी करते हुए अदालत ने कहा कि जब लोग गैरकानूनी सभा या बड़ी संख्या में आगजनी या दो समूहों के बीच संघर्ष में भाग लेते हैं तो किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए अभियोजन पक्ष के पास कम से कम दो गवाह होने चाहिए, जिन्‍हें आरोपों का समर्थन और आरोपी की भागीदारी की पहचान करनी होती है.  

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कोर्ट ने आदेश में कहा, "जिस तरह से पुलिस ने 2 अप्रैल 2020 को थाने में नूर मोहम्मद उर्फ ​​नूरा की पहचान दंगाइयों के रूप में करने की बात कही और जिस तरह से पुलिस स्‍टेशन में जांच अधिकारी द्वारा उससे पूछताछ की जा रही थी, वह पूरी तरह से संदिग्ध और विश्वसनीयता से अलग लगता है.

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