भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) इकाई ने राज्य विधानसभा से तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं होने को रविवार को ‘‘असंवैधानिक और अवैध'' करार दिया. भाजपा के राज्य मीडिया प्रभारी एवं विधायक रणधीर शर्मा ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं करना असंवैधानिक और अवैध है क्योंकि जब कोई विधायक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस्तीफा देता है तो संवैधानिक प्रावधान के अनुसार उसका इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए.''
तीन निर्दलीय विधायकों देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से के. एल. ठाकुर ने हाल में संपन्न राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट दिया था. उन्होंने 22 मार्च को विधानसभा से अपना इस्तीफा दे दिया था और अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए थे.
विधानसभा ने कांग्रेस विधायक दल के एक अभ्यावेदन के बाद इन विधायकों से 10 अप्रैल तक स्पष्टीकरण मांगा था.
इन तीनों विधायकों ने शनिवार को विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था और कहा था कि उन्होंने सोच-विचार कर इस्तीफा दिया है क्योंकि उन्हें ‘‘अपमानित'' किया जा रहा है.
कांग्रेस हतोत्साहित हो गई है : शर्मा
शर्मा ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा उप-चुनावों में हार का सामना करने के कारण कांग्रेस ‘‘हतोत्साहित'' हो गई है, और इसलिए चुनाव में देरी कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस को यह भी पता है कि आगामी उपचुनाव में भी सभी छह सीट भाजपा ही जीतेगी और अगर ये तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल होकर चुनाव जीत गए तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.''
6 सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम जारी
कांग्रेस के छह बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद, राज्य में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है. भाजपा चाहती है कि सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हों. लेकिन अभी तक निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस के बागियों को अयोग्य ठहराये जाने के बाद रिक्त हुई केवल छह सीट पर उपचुनाव का कार्यक्रम जारी किया है.
शर्मा ने कहा कि अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि तीन निर्दलीय विधायकों को अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए धरना देना पड़ रहा है.