नोएडा : सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावर 22 मई तक कर दिए जाएंगे ध्वस्त, गिराने से पहले आसपास की इमारतें कराई जाएंगी खाली

दोनों टावरों में लगे सामान को निकालने और मशीनरी और श्रमिकों का मोबलाइजेशन 20 फरवरी से शुरू कर दिया

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सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावर 22 मई तक कर दिए जाएंगे ध्वस्त
नोएडा:

नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड के दोनों टावर एपेक्स-सियान को ध्वस्त करने के लिए शुक्रवार को गेल से भी एनओसी मिल गई. अब सिर्फ एक्सप्लोजिव एक्ट के अंतर्गत विस्फोटक सामग्री के लिए पुलिस से एनओसी आनी बाकी है. दोनों टावर एपेक्स-सियान को 22 मई तक ध्वस्त कर दिया जाएगा. 22 अगस्त तक सुपरटेक और एडफिस इंजीनियर की ओर से मलबा हटा लिया जाएगा. 

नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने दोनों टावरों के ध्वस्तीकरण की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. सुप्रीम कोर्ट आदेश पर नोएडा प्राधिकरण को 72 घंटे में टावर ध्वस्तीकरण पर संबंधित विभागों, एडफिस, बिल्डर, एमराल्ड कोर्ट, एटीएस सोसायटी की एओए पदाधिकारियों के साथ बैठक करने को कहा था, लेकिन रितु माहेश्वरी के निर्देश पर 48 घंटे में ही बैठक करा दी. इसमें पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अग्निशमन विभाग, जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन के अधिकारी मौजूद रहे.बैठक में कई निर्णय लिए गए, जिसे संबंधित विभागों को अवगत करा दिया गया.

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बैठक में अधिकारियों ने बताया कि टावरों को ध्वस्त करने के लिए दो विभागों से एनओसी मिलना बाकी रह गया था. शुक्रवार को गेल से अस्थायी एनओसी मिल गई है. ऐसे में मौके पर काम शुरू हो सकता है. फाइनल एनओसी बाद में आएगी, जिस जगह से गेल की लाइन जा रही है, वहीं पर टावर बने हैं. प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्लोजिव एक्ट के अंतर्गत विस्फोटक सामग्री के क्रय, भंडारण तथा ट्रांसपोर्टेशन आदि की अनुमति पुलिस विभाग द्वारा प्रदान की जाती है. इसकी एनओसी आनी बाकी है. उम्मीद है कि पांच दिन में यह भी मिल जाएगी.

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दोनों टावरों में लगे सामान को निकालने और मशीनरी और श्रमिकों का मोबलाइजेशन 20 फरवरी से शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद तीन माह में इमारतों को गिराए जाने की तैयारी पूर्ण कर टावरों को 22 मई तक ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसके लिए 50 मीटर के दायरे में इमारतों को खाली कराया जाएगा. उठने वाले धूल को पानी की फुहारों से दबाया जाएगा दोनों टावरों को गिराने में करीब 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें मलबे की कीमत करीब 13 करोड़ रुपये के आसपास होगी. टावरों के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया गया.

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