बिहार में जारी राजनीतिक संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने NDTV से खास बातचीत की और इस दौरान जातीय जनगणना पर अपनी राय भी रखी. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बाजार की बात है, राजनीति का गर्म होना नरम होना सच्चाई यही है. जातीय जनगणना होना राज्य का हित है. राज्य के हित में जो भी नीतीश कुमार का साथ देंगे और वे साथ लेंगे, वे अच्छा होगा. आप देखिए कि कल बीजेपी के नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने भी कहा है कि वे भी तैयार हैं. एक तारीख को इस को लेकर सर्वदलीय बैठक होगी. उस दिन प्रारूप पर चर्चा हो जाएगी कि कैसे जातिगत जनगणना हो.
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि हम लोग तो जब प्रधानमंत्री से मिले थे, उस समय पीएम ने कहा था कि हम इस पर सोचेंगे बात करेंगे. लेकिन राज्य स्वतंत्र हैं, अपनी जाति जनगणना कराने के लिए उसी बात पर सब कुछ है. बीजेपी के एक दो लोग अगर विरोध कर रहे हैं. ये उनका व्यक्तिगत विरोध है, पार्टी का विरोध नहीं है.
आज अगर आप देखिए तो पार्टी के डिप्टी चीफ मिनिस्टर तारकेश्वर प्रसाद, वे इस मुद्दे पर नीतीश बाबू के साथ हैं. बिहार की जनता ने एनडीए को 2025 तक राज्य करने का मौका दिया है. एनडीए ने उनको चीफ मिनिस्टर बनाया. नीतीश कुमार 2025 तक बिहार के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे. अभी कोई वैकेंसी नहीं है और इधर-उधर की बात चल रही है उसका कोई मतलब नहीं है.
बिहार में जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्र में मंत्री आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट मिलना या ना मिलना, ये राजनीतिक बातें हैं. कभी-कभी ऐसा होता है, कुछ ना कुछ कूटनीति अपनानी होती है. आप सभी को राज्यसभा का टिकट मिल जाएगा मुख्यमंत्री जी का भी इसमें बड़ा सहयोग रहेगा. जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि तेजस्वी और नीतीश का सामाजिक समीकरण अलग-अलग है. दोनों का फिलहाल एक साथ आने की कोई संभावना नहीं है. दोनों की अपनी-अपनी सोच है.
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