"सरकार के मामलों में कोई 'पारदर्शिता' नहीं" : उमर अब्दुल्ला ने साधा निशाना

फारूक अब्दुल्ला द्वारा उत्तरी कश्मीर बारामूला लोकसभा सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए उमर ने आरोप लगाया कि इस समय देश में अघोषित "आपातकाल" लागू है.

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श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि इस समय देश में अघोषित 'आपातकाल' है और सरकार के मामलों में कोई 'पारदर्शिता' नहीं है. फारूक अब्दुल्ला द्वारा उत्तरी कश्मीर बारामूला लोकसभा सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए उमर ने आरोप लगाया कि इस समय देश में अघोषित "आपातकाल" लागू है.

उन्होंने कहा,“वर्तमान में अघोषित आपातकाल है. इंदिरा गांधी के युग के विपरीत, उन्होंने साहसपूर्वक आपातकाल की घोषणा की और उसके बाद चुनाव भी कराए, वर्तमान शासन में ऐसी पारदर्शिता का अभाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वंशवाद की राजनीति से कोई दिक्कत नहीं है और जब भी वह वंशवाद की राजनीति का जिक्र करते हैं तो असल में उनका मतलब उन लोगों से होता है, जो उनका विरोध करते हैं. एक दशक से, पीएम मोदी वंशवाद की राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं. भाजपा को वंशवाद की राजनीति से कोई दिक्कत नहीं है, बल्कि, उन्हें उन राजनीतिक दलों से दिक्कत है, जो उनका विरोध करते हैं."

 उन्होंने कहा, "आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनके उम्मीदवारों की सूची में बड़ी संख्या में राजनीतिक परिवारों के लोग शामिल हैं."

प्रधानमंत्री के इस आश्वासन का जिक्र करते हुए कि विधानसभा चुनाव जल्द होंगे और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, उमर ने कहा, पीएम मोदी ने यह कहकर हम पर कोई एहसान नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव 30 सितंबर से पहले कराए जाने चाहिए. वे कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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