टोल प्लाजा का झंझट खत्म, जीपीएस से कट जाएगा टोल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिए बड़े संकेत

नितिन गडकरी ने कहा- नंबर प्लेट में एक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली होगी जिसके द्वारा कोई भी नए सॉफ्टवेयर का उपयोग करके टोल एकत्र कर सकते हैं

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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

सरकार देश में टोल प्लाजा में बदलाव के लिए नई तकनीकों पर विचार कर रही है. नई प्रणाली अगले छह महीनों में पेश की जाएगी. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए, परिवहन मंत्री ने कहा कि टोल प्लाजा ने ट्रैफिक जाम और लंबी कतार जैसी कई समस्याएं पैदा की हैं, जिन्हें सरकार समाप्त करना चाहती है. गडकरी एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर टोल प्लाजा कानून के अनुसार नहीं होने के मुद्दे पर सदस्यों के सवालों का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि सरकार अब दो विकल्प तलाश रही है- सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम में जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से घटाया जाएगा, और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट के जरिए है. उन्होंने कहा, 'हम सैटेलाइट का इस्तेमाल करते समय फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की प्रक्रिया में हैं, और इसके आधार पर हम टोल लेना चाहते हैं. नंबर प्लेट पर भी तकनीक उपलब्ध है और भारत में अच्छी तकनीक उपलब्ध है.'

गडकरी ने कहा कि "हम तकनीक का चयन करेंगे. हालांकि हमने आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है, लेकिन मेरे विचार में नंबर प्लेट प्रौद्योगिकी पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा और एक परिष्कृत कम्प्यूटरीकृत डिजिटल प्रणाली होगी. इसके जरिए हम राहत दे सकते हैं. कोई कतार नहीं होगी और लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. ”

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उन्होंने कहा कि, हालांकि इसके लिए हमें संसद में एक बिल लाने की जरूरत है क्योंकि अगर कोई टोल नहीं दे रहा है तो उन्हें दंडित करने के लिए अभी तक कोई कानून उपलब्ध नहीं है.

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गडकरी ने कहा कि वे टोल वसूली के लिए सबसे अच्छी तकनीक का चयन करने की प्रक्रिया में हैं और संसद में एक महत्वपूर्ण कानून भी लाएंगे.

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नई व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "छह महीने के भीतर मैं इसे शुरू करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करूंगा, क्योंकि यह समय की जरूरत है. यह देश के लोगों के लिए और यातायात की समस्या से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है." 

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गडकरी ने कहा कि नई तकनीक के साथ नंबर प्लेट लाई गई है. वाहन निर्माता को नई नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है. इसमें एक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली होगी जिसके द्वारा कोई भी नए सॉफ्टवेयर का उपयोग करके टोल एकत्र कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि टोल वाले राजमार्गों पर चलने वाली कार को सटीक समय के लिए टोल देना होगा और केवल उस समय का ही टोल खाते से घटाया जाएगा.

उन्होंने सदन को बताया कि, "जहां तक तकनीक के चयन का सवाल है, हमने अपना मन नहीं बनाया है. लेकिन जितनी जल्दी हो सके और एक महीने के भीतर हम तकनीक का चयन करेंगे और हम दुनिया की सभी परिष्कृत तकनीक का उपयोग करेंगे जो लोगों के लिए उपयोगी होगी. फिर न ही कोई कतार लगेगी और न ही यातायात की समस्या होगी." उन्होंने कहा, हम जल्द से जल्द टोल प्लाजा की समस्या का समाधान निकालेंगे.

गडकरी ने यह भी बताया कि फास्टैग की शुरुआत के बाद टोल राजस्व एक दिन में 120 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि अब तक 5.56 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं और इसकी पहुंच 96.6 प्रतिशत है.

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