आखिर कब खत्म होगा इंतजार, सालों से नहीं हुई कोई भर्ती परीक्षा, इंतजार करते-करते थक गए हैं अभ्यर्थी

प्रिंस, सतना से भोपाल सब इंस्पेक्टर परीक्षा की तैयारी करने आए थे. उन्होंने 2017 में परीक्षा दी थी लेकिन पास नहीं हो पाए थे. इसके बाद वह भोपाल रुक कर तैयारी करने लगे लेकिन 2017 के बाद से अब तक भर्ती नहीं निकली है.

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भोपाल:

मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल का नाम भले ही कितनी बार बदला हो लेकिन यहां हालात सालों से नहीं बदले. सालों से मध्यप्रदेश में कोई भर्ती परीक्षाएं आयोजित ही नहीं हुई है. दिन रात अभ्यर्थी परीक्षाओं के इंतज़ार में तैयारी करते रहते हैं लेकिन कर्मचारी चयन मंडल सिर्फ इन परीक्षाओं को टालता जा रहा है. ऐसे में कई अभ्यर्थी ओवर-ऐज हो गए या अगले कुछ महीनों में हो जाएंगे, जिससे उनकी सालों की मेहनत पर पानी फिरता हुआ नज़र आ रहा है.

सतना के प्रिंस 7 साल से कर रहे परीक्षा का इंतजार

प्रिंस, सतना से भोपाल सब इंस्पेक्टर परीक्षा की तैयारी करने आए थे. उन्होंने 2017 में परीक्षा दी थी लेकिन पास नहीं हो पाए थे. इसके बाद वह भोपाल रुक कर तैयारी करने लगे लेकिन 2017 के बाद से अब तक भर्ती नहीं निकली है. उनके घर के हालात भी ठीक नहीं हैं. इस वजह से पढ़ाई के साथ वह दिहाड़ी मजदूरी भी करते हैं और कुछ सालों में वह ओवरएज भी हो जाएंगे. प्रिंस गौतम ने कहा, मैं सालों पहले यहां पढ़ने आया था , हम गरीब हैं, दुनिया चांद पर पहुंच गए लेकिन मैं वहीं का वहीं हूं. पिछले बार कुछ नंबर से रह गया था, तब से लेकर अब तक भर्ती नहीं निकली है. दिहाड़ी मजदूरी मज़बूरी में कर रहा हूं. इस तरह ही कमा रहा हूं.

अजीत का भी ऐसा ही हाल

सात साल पहले अजीत, उमरिया के एक छोटे से गांव से भोपाल में सब इंस्पेक्टर बनने का सपना लेकर आए थे. भोपाल में एक छोटे से आठ बाई दस के कमरे में रहकर सालों से पढ़ रहे हैं लेकिन तब से अबतक वह बस सब इंस्पेक्टर की परीक्षा होने के इंतज़ार में पढ़ रहे हैं. अजीत एक साल बाद ओवरऐज हो जाएंगे. उनके पिता छोटे किसान हैं और घरवालों की उम्मीद सालों पहले खत्म हो गई है. अब अजीत की भी हिम्मत जवाब देने लगी है.

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परीक्षा की तैयारी करते-करते पूजा ने कर ली शादी

सतना की रहने वाली पूजा कुशवाह ने 2017 में महिला सुपरवाइजर परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की थी. तैयारी करती भी रहीं लेकिन भर्ती नहीं निकली. घरवालों ने पूजा की शादी करवा दी. अब वह घर और बच्चों को संभालने के साथ पढ़ाई तो कर रही है लेकिन ये आखिरी साल था. अब अगले साल वह ओवरऐज हो जाएगी. बता दें कि आखिरी बार 2014 में सुपरवाइजर की वैकेंसी आई थी.

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33 साल की उम्र में हो जाती है ओवरऐज

वर्दी वाले पदों के लिए सामान्य उम्मीदवार 33 साल की उम्र में ओवरऐज हो जाते हैं, लेकिन हालात ये हैं कि रोजगार दफ्तरों में ही 26 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं. बता दें कि 2024 में 8 भर्ती परीक्षाएं होनी थी लेकिन उनमें से केवल दो हुईं. ग्रुप 3 की सब इंजीनियर, सहायक मानचित्रकार, टेक्नीशियन की परीक्षाओं के अभी तक नतीजे नहीं आए हैं. आईटीआई ट्रेनिंग ऑफिसर का रिजल्ट भी पेंडिंग है. 2023 में हुई वन क्षेत्र रक्षक और जेल प्रहरी का रिजल्ट भी पेंडिंग है. ऐसे में 2 लाख छात्र रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. 

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सरकार का था एक साल में 1 लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा

सरकार का दावा है कि एक साल में एक लाख युवाओं को रोज़गार दिया जाएगा. हालांकि, उसके बाद भी ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है. कर्मचारी चयन मंडल को इस साल 11 हजार पदों के लिए 8 भर्ती परीक्षाएं करवाने का शेड्यूल था लेकिन अबतक केवल दो परीक्षाएं हुई हैं. पिछले 10 साल में 2024 पहला ऐसा साल था जब अगस्त तक एक भी भर्ती परीक्षा कर्मचारी चयन मंडल नहीं करवा पाया था.

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देश की सारी परीक्षाएं, परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत होती हैं. नियम तो यही है कि हर साल भर्ती परीक्षा होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और इसका खामियाज़ा इसी साल मध्य प्रदेश के 2 लाख युवा भुगतेंगे जो ओवरऐज हो जाएंगे.

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