किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता : रूस-यूक्रेन युद्ध पर पोलैंड में PM मोदी

पोलैंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के लिए रवाना होंगे. 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड की यात्रा पर हैं. बुधवार को भारतीय समुदायों के साथ संवाद कर पीएम मोदी ने दुनिया को एक बहुत ही बड़ा संदेश दिया है.  बुधवार को उन्होंने डोबरी महाराजा स्मारक, कोल्हापुर स्मारक और मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक पर श्रद्धांजलि दी और वारसॉ में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. पोलैंड के प्रधानंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ पीएम मोदी की मुलाकात हुई. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने भारत और पोलैंड के बीच के रिश्तों के मह्तव के बारे में बताया साथ. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता है. इसके अलावा पीएम ने नहीं कई और महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की.

दो दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने पोलैंड में संबोधित करते हुए प्रमुख बातें कहीं. पीएम मोदी की बातों को पॉइन्ट्स में समझें.

  1. आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है. आज 45 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है. 
  2. मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरूआत में ही मुझे ये सौभाग्य मिला है. इस अवसर पर मैं पोलैंड की सरकार और यहां के लोगों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं.
  3. 2022 में, यूक्रेन संकट के दौरान भारतीय छात्रों को निकालने में आपने जो उदारता दिखाई, उसे हम भारतवासी कभी नहीं भूल सकते हैं.
  4. इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर हमने संबंधों को Strategic Partnership में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है.
  5. भारत और पोलैंड के संबंध Democracy और Rule of law जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं.
  6. हम पोलैंड की कंपनियों को Make in India and Make for the world से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं. 
  7. Fintec, Pharma, Space जैसे क्षेत्रों में भारत ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. हमें इन क्षेत्रों में अपना अनुभव पोलैंड के साथ साझा करने में खुशी होगी.

पोलैंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के लिए रवाना होंगे. 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी.

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प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को रवाना से पहले विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा था, "पोलैंड से, मैं राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन जाऊंगा. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी. मैं द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपना दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत करूंगा. एक मित्र और भागीदार के रूप में, हम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की वापसी की उम्मीद करते हैं."

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विदेश मंत्रालय के अनुसार, कीव में प्रधानमंत्री द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर अपना विचार रखेंगे जैसे व्यापार, आर्थिक, निवेश, शिक्षा, लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान, मानवीय सहायता. प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान छात्रों सहित भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे. प्रधानमंत्री की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी.

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