"किसी की हिम्मत नहीं जो भारत की तरफ आंख उठाकर देख सके", लद्दाख में चीन की तैयारियों पर बोले रक्षा राज्य मंत्री

भारत में रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के साथ जैसा अनुभव रहा है, उसके बाद अभी सावधान रहने की जरूरत है. पिछले तीन दशकों में भारत और चीन के बीच कई समझौते हुए हैं जिनका मकसद बॉर्डर पर शांति बरकरार रखना था. लेकिन चीन ने हमेशा भारत को धोखा दिया है.

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मई 2020 से दोनों देशों के बीच एलएसी पर टकराव की स्थिति थी.

लद्दाख में चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भारत का स्टैंड रखा है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 'कई चीज़ों पर बोला नहीं जा सकता लेकिन भारत जल, थल, नभ और मोदी जी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में आगे है. किसी की हिम्मत नहीं है कि आंख उठाकर देख सके. कोई ऐसा काम करता है तो भारत उत्तर देने में सक्षम है.'

मुंबई के गोरेगांव NESCO प्रदर्शनी केंद्र पर रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने ये बातें कही. रक्षा, यातायात और ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़े अंतरराष्ट्रीय बैठक की शुरुआत के बाद उनसे चीन को लेकर सवाल किया गया था. अजय भट्ट से सवाल किया गया कि लद्दाख में चीन पक्की सड़क और टेंट निर्माण कर रहा है. चीन ने 5 मीटर चौड़ी एक सड़क को 13 मीटर कर दिया है. चीन सीमा के करीब लगातार टेंट और शेल्टर की संख्या बढ़ा रहा है. ऐसे में भारत की क्या तैयारी है? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि कई चीज़ों पर बोला नहीं जा सकता लेकिन, किसी की हिम्मत नहीं कि हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देख सके. 

चीन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत से हल सुलझाए. क्या ऐसा हो सकता है? इस सवाल का जवाब देते हुए अजय भट्ट ने कहा कि किसी भी देश ने भारत की तरफ गलत काम करने का सोचा तो हम जवाब देने में सक्षम हैं. इसके अलावा उन्होंने मेक इन इंडिया को लेकर भी बात की. राज्य रक्षा मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत हम काफी आगे बढ़े हैं. आत्मनिर्भर भारत हर व्यक्ति ने स्वीकार किया है. हताश, निराश अब अपने पैर पर खड़े होकर उदाहरण दे रहे है. विश्व में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में है. भारत दुनिया के कई देशों को हथियार बेच रहा है. पहले हम मांगते थे, अब हम दे रहे हैं.

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भारत में रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के साथ जैसा अनुभव रहा है, उसके बाद अभी सावधान रहने की जरूरत है. पिछले तीन दशकों में भारत और चीन के बीच कई समझौते हुए हैं जिनका मकसद बॉर्डर पर शांति बरकरार रखना था. लेकिन चीन ने हमेशा भारत को धोखा दिया है. आठ सितंबर को चीन की तरफ से डिसइंगेजमेंट का ऐलान किया गया था. मई 2020 से दोनों देशों के बीच एलएसी पर टकराव की स्थिति थी. इस साल आठ दौर की वार्ता के बाद भी चीन पीछे नहीं हटा. इसके बाद साल 2021 में पांच राउंड की वार्ता हुई. वहीं, इस साल अब तक तीन दौर की वार्ता हो चुकी है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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