मंगलसूत्र, जनेऊ उतारने की जरूरत नहीं, हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड का फैसला

परीक्षा देने जा रहें अभ्यर्थियों को अब मंगलसूत्र और जनेऊ जैसे धार्मिक प्रतीकों को उतारने की आवश्यकता नहीं होगी. यह फैसला रेलवे अधिकारियों ने व्यापक विरोध के बाद लिया है. विश्व हिंदू परिषद रेलवे भर्ती बोर्ड की नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मंगलसूत्र और जनेऊ उतार कर परीक्षा भवन में प्रवेश करने संबंधी निर्देश पर सोमवार को कड़ी आपत्ति जताई जिसके तुरंत बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
कर्नाटक:

परीक्षा देने जा रहें अभ्यर्थियों को अब मंगलसूत्र और जनेऊ जैसे धार्मिक प्रतीकों को उतारने की आवश्यकता नहीं होगी. यह फैसला रेलवे अधिकारियों ने व्यापक विरोध के बाद लिया है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदू संगठनों ने रेलवे भर्ती बोर्ड की नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मंगलसूत्र और जनेऊ उतार कर परीक्षा भवन में प्रवेश करने संबंधी निर्देश पर सोमवार को कड़ी आपत्ति जताई जिसके तुरंत बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया है. 

धार्मिक भावनाओं का हो सम्मान 

रेल राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने इसे लेकर बढ़ती नाराजगी के बीच, मामले में हस्तक्षेप किया और स्पष्ट किया कि रेलवे भर्ती बोर्ड की नर्सिंग अधीक्षक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीक या मंगलसूत्र को उतारने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए.  यह परीक्षा मंगलवार (29 अप्रैल) को मंगलुरु के बॉन्डेल में मनैल श्रीनिवास नायक बेसेंट विद्या केंद्र में आयोजित की जाएगी.

करोड़ों लोगों की हिंदू परंपराओं पर हो रहा हमला 

विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय नेता शरण पंपवेल ने कहा, "हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, अगर परीक्षा अधिकारियों द्वारा इनमें से कोई भी कदम (अभ्यर्थियों के मंगलसूत्र और जनेऊ उतारने) उठाया जाता है, तो हम इसमें सुधार कराएंगे." हिंदू संगठनों ने तर्क दिया कि इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. वहीं विहिप के प्रवक्ता ने कहा, "विवाहित महिलाओं से मंगलसूत्र और सिंदूर हटाने के लिए कहना या पुरुषों से जनेऊ उतारने को कहना करोड़ों लोगों की हिंदू परंपराओं पर हमला करने के समान है."

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धार्मिक पहचान से समझौता नहीं होगा 

विहिप ने जिले के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर हिंदू अभ्यर्थियों को उनकी धार्मिक पहचान से समझौता किए बिना परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दिये जाने की मांग की. यह विवाद सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के दौरान हाल ही में हुई घटनाओं के मद्देनजर सामने आया है, जहां कुछ परीक्षा केंद्रों पर कुछ अभ्यर्थियों से कथित तौर पर इन चीजों को हटाने के लिए कहा गया था. 

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डी के शिवकुमार भाजपा पर बरसे

उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने इस मुद्दे पर बेंगलुरू में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मंगलसूत्र, जनेऊ जैसी धार्मिक चीजों की उन्हें जांच करने दीजिए, लेकिन उन्हें उतारने के लिए कहना सही नहीं है. भाजपा का असली चेहरा अलग है. वे कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं. इस फैसले को वापस लिया जाए और लोगों को इसके खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करना चाहिए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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