बदायूं जिला अस्पताल में बत्ती गुल, मोबाइल की रोशनी में हो रहा मरीजों का इलाज, डीएम ने लगाई फटकार

मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल में सेपरेट फीडर बनाया गया है, जिससे बिजली की समस्या न हो. फीडर में तकनीकी फॉल्ट होने की वजह से जिला अस्पताल की बिजली व्यवस्था चरमरा चुकी है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
बदायूं:

उत्तर प्रदेश के बदायूं के जिला अस्पताल में रात के वक्त मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसका कारण ये है कि यहां पिछले तीन दिनों से बिजली व्यवस्था ध्वस्त है. इतना ही नहीं दिन के वक्त भी लोगों को सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रालसाउंड, पैथोलॉजी में जांच के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों के हाल भी बेहाल हैं. 

मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल में सेपरेट फीडर बनाया गया है, जिससे बिजली की समस्या न हो. फीडर में तकनीकी फॉल्ट होने की वजह से जिला अस्पताल की बिजली व्यवस्था चरमरा चुकी है. बिजली ठीक न होने की वजह से मरीजों को गर्मी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं रूटीन में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन व पैथोलॉजी में जांच कराने आने वाले मरीजों को भी परेशानी हो रही है. 

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हालांकि, जिला अस्पताल में लगाए गए जनरेटर अस्पताल प्रशासन कागजों में ही चलवा रहा है. इसकी हकीकत मंगलवार रात में देखने को मिली जब जिला अस्पताल के जनरल वार्ड और पेइंग वार्ड में भर्ती मरीज का इलाज मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में किया गया. जिला अस्पताल के सीएमएस से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में जनरेटर चल रहे हैं सभी व्यवस्थाएं ठीक है, लेकिन हकीकत उसे बिल्कुल अलग थी.

इस पूरे मामले से डीएम मनोज कुमार को रात में ही अवगत कराया गया. मामला डीएम के संज्ञान में पहुंचा तो डीएम ने सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह यादव से बात की. इसके कुछ देर बाद अस्पताल में लगे जेनरेटर चले और मरीजों समेत तीमारदारों को राहत मिली. मामले में डीएम मनोज कुमार ने बताया कि अस्पताल के जनरेटर क्यों नहीं चलाए गए इस बात की जांच कराई जाएगी और बिजली की व्यवस्था 3 दिन से खराब है इसको लेकर पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए इसकी भी जांच होगी.

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