देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) और ओमिक्रॉन (Omicron) के मामलों में आई तेजी के बावजूद लोग कोविड नियमों का पालन करने में आनाकानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला कर्नाटक के चिकमगलूर जिले का है, जहां सामूहिक रूप से जुटने (Mass Gathering) पर रोक के बावजूद हजारों की संख्या में लोगों ने एक भीड़-भाड़ वाले धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से अधिकांश ने मास्क भी नहीं लगा रखा था. कोरोना के मामले में आई तेजी को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं.
श्री शकुन रंगनाथ स्वामी मंदिर में रथ उत्सव में सैड़कों लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग के नजर आए. स्थानीय प्रशासन की ओर से जुलूस नहीं निकालने के आदेश के बाद भी कार्यक्रम आयोजित किया गया.
कर्नाटक पुलिस द्वारा सभी सभाओं और राजनीतिक रैलियों पर रोक लगाने का आदेश जारी करने के कुछ घंटों बाद उत्सव का आयोजन किया गया था.
चिकमगलूर के डिप्टी कमिश्नर की ओर से स्थानीय तहसीलदार को जारी एक आदेश में जुलूस की अनुमति देने से इनकार किया गया था और कहा गया था कि मंदिर परिसर के अंदर उत्सव मनाया जा सकता है, लेकिन इसमें भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते हैं.
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि रथ भीड़-भाड़े वाले इलाके से भीड़ के बीच गुजर रहा है. रथ के आसपास काफी संख्या में लोग हैं, जो रथ के पास पहुंचकर प्रार्थना करते नजर आ रहे हैं. पुरुषों का एक समूह कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है क्योंकि वह रस्सियों से रथ को खींच रहे हैं. इस भीड़-भाड़ में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होते नहीं दिख रहा है. यहां तक कि रथ में एक छोटी सी जगह पर पुजारी और तीन अन्य लोग बैठे हैं, वे भी बिना मास्क के नजर आ रहे हैं.
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यह नजारा ऐसे समय सामने आया है जब सोमवार को कर्नाटक में कोरोना के 27 हजार से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए. कर्नाटक में संक्रमण दर 12.45 प्रतिशत है. 24 घंटे में राज्य में संक्रमण से 14 लोगों की मौत हुई और एक्टिव केस 2,17, 297 हैं.