महुआ मोइत्रा की गई सांसदी तो बचाव में आई TMC - "नकदी के लेनदेन का कोई सबूत नहीं"

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में शुक्रवार को लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया.

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आचार समिति ने मोइत्रा को अनुच्छेद 14 के तहत मिले मौलिक अधिकार का हनन किया है: TMC
नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस ने महुआ मोइत्रा के मामले में आचार समिति की कार्यवाही की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए लोकसभा में कहा कि पार्टी नेता के खिलाफ नकदी के लेनदेन का कोई सबूत नहीं है. सदन में आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा अध्यक्ष से कई बार आग्रह किया कि मोइत्रा को उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाए, लेकिन बिरला ने पुरानी संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया. बिरला ने पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी को बोलने का मौका दिया. सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा समिति की पूरी रिपोर्ट मीडिया में लीक कर दी गई है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि महुआ को बोलने का मौका दिया जाए.'' कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘‘निष्पक्ष सुनवाई तब होती है जब प्रभावित व्यक्ति को सुना जाता है. अगर उसे सुना नहीं जाएगा तो कोई निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी.''

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘ लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के समय 10 लोगों को निष्कासित किया गया था. उस समय चटर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आरोपी सांसद समिति के समक्ष पेश हुए, ऐसे में इन्हें सदन में बोलने का अधिकार नहीं है.''

उन्होंने कहा कि अब विपक्ष को यह अनैतिक सवाल नहीं उठाना चाहिए.

बिरला ने कहा, ‘‘सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि जिन पर आरोप लगे थे उन्हें समिति के समक्ष बोलने का पर्याप्त अवसर मिला था और ऐसे में उन्हें सदन में मौका नहीं मिलना चाहिए. वह सदन की परंपराओं का ही पालन कर रहे हैं. कोई नई परंपरा नहीं बना रहे.''

कल्याण बनर्जी ने कहा कि दर्शन हीरानंदानी को समिति के समक्ष नहीं बुलाया गया और उनका हलफनामा आया. बनर्जी ने कहा कि जब तक व्यक्ति सामने नहीं कहता कि उसका हलफनामा है तो उसकी बात को कैसे माना जा सकता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि आचार समिति ने महुआ मोइत्रा को अनुच्छेद 14 के तहत मिले मौलिक अधिकार का हनन किया है.

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उनका कहना था, ‘‘यह नहीं बताया गया कि कितनी नकदी का लेनदेन हुआ है. कोई सबूत नहीं दिया गया.''

जनता दल (यू) के गिरधारी यादव ने कहा कि दर्शन हीरानंदानी को समिति के समक्ष जिरह के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.

उन्होंने कहा कि उन्हें भी अपनी आईडी का पासवर्ड नहीं पता और उनका निजी सहायक लॉगइन करता है.

यादव ने कहा, ‘‘मैं अपने सवाल भी खुद नहीं बनाता..मेरा स्टाफ यह काम करता है. मैं तो पिछले दिनों इतना डर गया कि इस सत्र में एक सवाल नहीं लगाया.''

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उनकी बात पर आपत्ति जताते हुए बिरला ने कहा, ‘‘माननीय सदस्य, प्रश्न खुद बनाएं, खुद डालें. हमारे प्रश्न कोई भी बनाकर नहीं डाल सकता। आप (यादव) के खिलाफ गंभीर कार्रवाई हो सकती है। आप ऑन रिकॉर्ड बोल रहे हैं.''
 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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