द्रौपदी मुर्मू के शपथग्रहण में शामिल नहीं होंगे नीतीश, BJP के कार्यक्रमों से भी अपनेआप को रख रहे दूर

बिहार के मुख्यमंत्री राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लेंगे. जदयू की तरफ से कहा गया है कि नीतीश कुमार मनरेगा को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेंगे.

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बिहार के मुख्यमंत्री ने हाल के दिनों में बीजेपी के 2 कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया है
पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और बीजेपी के बीच लंबे समय से शह और मात का खेल जारी है. हाल के दिनों में नीतीश कुमार ने बीजेपी द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों से अपने आप को अलग रखा है. अब बिहार के मुख्यमंत्री राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लेंगे. जदयू की तरफ से कहा गया है कि नीतीश कुमार मनरेगा (MNREGA) को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेने के कारण इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे. इससे पहले 17 जुलाई को, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की एक बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था.

राष्ट्रीय ध्वज से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए हुई बैठक में भाजपा के तारकिशोर प्रसाद बिहार से हिस्सा लेने पहुंचे थे.शुक्रवार को, वह फिर से निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए थे. इस बार, उन्होंने विधान परिषद के सात नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ समारोह का हवाला देते हुए अपने आप को उस कार्यक्रम से अलग रखा था. बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच तल्खी प्रधानमंत्री द्वारा बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह को संबोधित करने के बाद से बढ़ती जा रही है.

बताते चलें कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के निमंत्रण पर पहुंचे थे. जिनके साथ सीएम नीतीश कुमार के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. बताते चलें कि समापन समारोह में, सिन्हा ने राज्य के पांच बार के मुख्यमंत्री का जिक्र तक नहीं किया. साथ ही  इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका से उनकी तस्वीर भी गायब रही. गौरतलब है कि बीजेपी की तरफ से अभी तक विधानसभा अध्यक्ष को हटाने बीजेपी नेताओं द्वारा राज्य सरकार की सार्वजनिक आलोचना को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच विधानसभा चुनाव के बाद से ही लगातार उठा पटक का दौर जारी है. पिछले महीने राज्य भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल और जदयू के नेताओं के बीच अग्निपथ योजना को लेकर जमकर बयानबाजी देखने को मिली थी. उस दौरान बीजेपी ने अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे प्रदर्शन से निपटने में सरकार को असफल बताया था. वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा है कि पहले एक सीमा थी, नियंत्रण था. अब इसकी कमी देखने को मिलती है. यह एक अच्छी परंपरा नहीं है.

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