"...पार्टी मंच पर उठाएं", नीतीश कुमार ने शिकायतों को लेकर कुशवाहा के ट्वीट करने पर जताई आपत्ति

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जद (यू) संसदीय बोर्ड के असंतुष्ट अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को सलाह दी कि वे अपनी शिकायतों को मीडिया के माध्यम से उल्लेखित करना बंद करके उसे पार्टी मंच पर उठाएं.

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पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जद (यू) संसदीय बोर्ड के असंतुष्ट अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को सलाह दी कि वे अपनी शिकायतों को मीडिया के माध्यम से उल्लेखित करना बंद करके उसे पार्टी मंच पर उठाएं. कुमार ने यह बात तब कही जब पत्रकारों ने उनसे एक दिन पहले कुशवाहा के एक ट्वीट के बारे में सवाल किया. कुशवाहा ने मंगलवार को ट्वीट किया था, ‘‘बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने...! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका (छोटे भाई) को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले. ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर....?''

परोक्ष तौर पर अप्रसन्न प्रतीत हो रहे कुमार ने कहा, ‘‘उन्हें यह समझना चाहिए कि वह पार्टी से अलग होने के बाद तीसरी बार पार्टी में लौटे हैं, लेकिन उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया गया. यदि उन्हें कोई शिकायत है तो उन्हें वह पार्टी के भीतर जाहिर करना चाहिए. आपको अपने विचार मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक नहीं करने चाहिए.'' कुशवाहा 2021 में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करके जद (यू) में लौट आए थे और उन्हें तुरंत पार्टी का शीर्ष पद दिया गया और कुछ ही समय बाद विधान परिषद की सदस्यता दी गई थी.

राज्य की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर कुमार द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का समर्थन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया, जो उनके पक्ष में खड़े हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता यादव ने कहा, ‘‘मैंने (कुशवाहा का) एक ट्वीट देखा और वह क्या कहना चाहते हैं, इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. हालांकि मेरी भी राय है कि अगर वह अपनी पार्टी से संबंधित कोई भी मुद्दा उठाना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा नहीं लेना चाहिए.''

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कुशवाहा की नाराजगी तब से स्पष्ट हो गई है जब कुमार ने यादव के अलावा किसी अन्य को उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की संभावना को खारिज कर दिया था. यादव को कुमार ने वस्तुतः सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' का भावी चेहरा घोषित किया है. यादव से यह भी पूछा गया कि क्या पार्टी विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिन्हें हाल ही में मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.

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यादव ने कहा, ‘‘राजद के संविधान के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को अनुशासनहीनता का दोषी पाए जाने पर कारण बताओ जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है. हम अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करेंगे. पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने वाला कोई भी व्यक्ति कार्रवाई का सामना करने के लिए बाध्य है.'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महागठबंधन ‘‘सांप्रदायिक ताकतों'' के खिलाफ अपनी लड़ाई में ‘‘एकजुट रहेगा'' और भाजपा पर ‘‘यह आख्यान बनाने'' की कोशिश करने का आरोप लगाया कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है.

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