बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू ने अपने पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पर ‘‘भाजपा की ओर से'' काम करने का सोमवार को आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि उनके बहुप्रचारित जन सुराज अभियान के लिए धन का स्रोत क्या है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किशोर की राज्यव्यापी ‘‘पदयात्रा'' की निंदा करते हुए कहा, ‘‘बिहार के लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार के शासन में कितनी प्रगति हुई है, हमें प्रशांत किशोर से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. हालांकि किसी भी अन्य नागरिक की तरह वह मार्च या प्रदर्शन करने के लिए स्वतंत्र हैं.''
उन्होंने यह भी कहा कि किशोर अपने अभियान को चाहे कोई भी नाम दें लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वह भाजपा की ओर से काम कर रहे हैं.
ललन ने कहा कि अच्छी तरह से स्थापित राजनीतिक दलों को कितनी बार पूरे पृष्ठ का विज्ञापन देते हुए देखा गया है. उन्होंने कल अपनी पद यात्रा के लिए ऐसा किया. उन्होंने सवाल किया कि आयकर विभाग, सीबीआई या ईडी क्यों नहीं संज्ञान ले रहे हैं.
जदयू की यह टिप्पणी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद द्वारा एक बयान जारी करने के एक दिन बाद आई है जिसमें किशोर को ‘‘राजनीतिक बिचौलिया'' कहा गया था, जिनका नीतीश कुमार के साथ ‘‘गुप्त अंदरूनी समझौता'' है.
ये भी पढ़ेंः
* "रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं..." : प्रशांत किशोर पर तेजस्वी यादव के पार्टी के नेता का तंज
* उधमपुर : दो बसों में हुए विस्फोटों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ- पुलिस
* भाजपा पहाड़ियों-गुर्जरों को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाने की कोशिश कर रही है: महबूबा
"प्रशांत किशोर को पार्टी में लाने को लेकर कोई ऑफर नहीं दिया" : ललन सिंह | पढ़ें