बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अपनी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कहा है. जद (यू) के शीर्ष नेता ने हालांकि जोर देकर कहा कि इसका कांग्रेस के साथ उनके गठबंधन पर असर नहीं पड़ेगा. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर कांग्रेस को अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखते हैं.
‘समाधान यात्रा' के तहत कैमूर के दौरे पर पहुंचे कुमार ने संवाददाताओं को बताया, “वह (केसीआर) चाहते थे कि मैं उनके समारोह में शामिल होऊं. जब मैंने यहां (प्रदेश में) जरूरी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए खुद आ पाने में असमर्थता व्यक्त की, तो उन्होंने अनुरोध किया कि मैं पार्टी से किसी को इसके लिए भेजूं. तो मैंने ललन से पूछा.”
कुमार ने यह भी कहा कि केसीआर ने उन्हें राजद से ताल्लुक रखने वाले तेजस्वी यादव से भी बात करने को कहा था. बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि मैं ऐसा करूंगा, लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री से भी बात करनी चाहिए. दोनों (ललन और तेजस्वी) हैदराबाद जाएंगे.”
इस महीने की शुरुआत में विपक्षी नेताओं की बैठक करने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री फरवरी के दूसरे सप्ताह में एक और भव्य आयोजन की योजना बना रहे हैं, जब नए सचिवालय भवन के उद्घाटन के लिए एक समारोह आयोजित किया जाएगा. उद्घाटन समारोह के बाद एक सार्वजनिक सभा होगी.
विशेष रूप से, पिछले कार्यक्रम में कुमार की अनुपस्थिति को लेकर कई कयास लगाए गए थे. हालांकि बाद में बिहार के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्हें न तो आमंत्रित किया गया था और न ही वे राज्य से बाहर जाने की स्थिति में थे.
जद(यू) नेता ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि गैर-कांग्रेसी, गैर-भाजपा मोर्चे के पक्षधर केसीआर के साथ नजदीकियों का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल का मुकाबला करने के लिये “एकजुट विपक्ष” के विचार को त्याग दिया, जिसमें कांग्रेस भी शामिल हो.
कुमार ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि मैं उनकी (भारत जोड़ो) यात्रा के समापन की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जिसके बाद विभिन्न दल एक साथ बैठेंगे और एक ऐसा गठबंधन बनाने की संभावना तलाशेंगे, जो अधिक से अधिक लोगों को साथ ले सके.”