बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मैटीरियल से संबंधित सवाल पर साफ कर दिया है कि ये सब फालतू बातें हैं. अपनी पार्टी के नेताओं के इस संबंध में बयान पर नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि क्षमा कीजिएगा, हम इन सब बातों को नहीं जानते. वहीं सुशील मोदी ने भी 2012 में उन्हें पीएम मैटीरियल बताया था, जब इसे लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने भी कन्नी काट ली. सुशील मोदी से पूछा गया था कि क्या वाकई नीतीश कुमार पीएम मैटीरियल हैं तो उन्होंने कहा कि ये सब मुद्दा नहीं है और इस पर कोई कमेंट नहीं करना चाहते.
नीतीश कुमार ने कहा कि ये सब फालतू बात है. पार्टी की बैठक होती है तो लोग बहुत तरह की बातें करते हैं. जिसका जो मन आता है, बोलते रहते हैं. हमारी मीटिंग इस मुद्दे पर नहीं बुलाई गई थी. अध्यक्ष का निर्वाचन और पुष्टि और पार्टी संविधान में बदलाव के संबंध में ये मीटिंग बुलाई गईथी. जातीय जनगणना के मामले पर भी इस बैठक में चर्चा हुई. पार्टी के कुछ नेता बोलते हैं तो ये उनकी व्यक्तिगत राय है, क्षमा कीजिएगा, ये सब बात मत कीजिए.
गौरतलब है कि 'नीतीश कुमार में पीएम बनने की योग्यता और क्षमता है', जनता दल यूनाइटेड की नेशनल काउंसिल की बैठक में पारित इस प्रस्ताव पर एक बड़ी राजनीतिक बहस छिड़ गई है. हालांकि पार्टी ने स्पष्टीकरण दिया है की 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी होंगे, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. जेडीयू नेशनल काउंसिल के इस प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण देते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोमवार को कहा, 'पीएम मटेरियल का मतलब है कि उनमें क्षमता है, देश का नेतृत्व कर सकते हैं. दावेदारी हम नहीं कर रहे क्योंकि हमें पता है हम छोटी पार्टी हैं लेकिन नीतीश कुमार में विजन है सोच है. 2005 से आज तक कई ऐसी योजनाएं हैं जो नीतीश कुमार जी ने शुरू की और अब केंद्र सरकार की योजना बन गई है.' हालांकि जेडीयू की ओर से आए स्पष्टीकरण के बावजूद नीतीश को लेकर प्रस्ताव पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.