2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी विकास यादव की चार हफ्ते की अंतरिम जमानत और बढ़ गई है, लेकिन अब आगे जमानत नहीं बढ़ेगी. सुप्रीम कोर्ट से विकास यादव को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बिना छूट 25 साल की सजा के खिलाफ रिट याचिका खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव को दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा है.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान ASG अर्चना पाठक दवे ने जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच के सामने विकास यादव की याचिका का विरोध किया. दवे ने कहा कि विकास यादव इस तरह बिना छूट के 25 साल की सजा के फैसले को सीधे इस तरह रिट याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को मानते हुए चार हफ्ते की जमानत और बढ़ाते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया. बेंच ने साफ किया कि अब और आगे जमानत नहीं मिलेगी और याचिकाकर्ता इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जा सकता है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत चार हफ्ते और बढ़ाई थी. मां की बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत और बढ़ाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्त में भी बदलाव किया था और घर पर ही रहने की शर्त में बदलाव किया था. अदालत ने कहा था कि बीमार मां के इलाज के लिए विकास यादव बाहर जा सकता है.
विकास यादव 28 अप्रैल से अंतरिम जमानत पर है.
विकास यादव ने अपनी रिहाई की भी मांग की थी. नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को 25 साल की सजा हुई है. विकास यादव 23 साल की सजा पूरी कर चुका है. 3 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को नीतीश कटारा के सनसनीखेज अपहरण और हत्या में उनकी भूमिका के लिए बिना किसी छूट के 25 साल की जेल की सजा सुनाई थी.