बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर किये गए विवादास्पद टिप्पणी के बाद बयानबाजी का दौर तेज हो गया है. विरोधी दल के नेताओं सहित कई लोग शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं. जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने भी चंद्रशेखर के बयान पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिक्षा मंत्री को उनके 'अपने-अपने राम' सत्र में भेजने की अपील की है.
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा कि, "आदरणीय @NitishKumar जी। भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है. आपका मेरे मन में अतीव आदर है. इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं. इन्हें 'अपने-अपने राम' सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो."
दरअसल राजधानी पटना में नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया. समारोह के बाद जब उनसे फिर से उनके बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहे गए अपने शब्दों को सही बताया.
चंद्रशेखर ने कहा कि एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं. नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी. देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा, ''मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं. रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं, यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं."