नीति आयोग (Niti Aayog) के एसडीजी भारत सूचकांक 2020-21 में केरल (Kerala) ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जबकि बिहार (Bihar) का प्रदर्शन सबसे बुरा रहा. सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक (SDG) सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन करता है. निति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के राष्ट्रीय इंडेक्स में बिहार को सबसे ख़राब प्रदर्शन वाला राज्य आंके जाने के बाद इस पर राजनीति तेज़ हो गयी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता लालू यादव ने ट्वीट करके बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार पर सीधे निशाना साधा, "बधाई हो! आख़िरकार 16 वर्षों की बिहारनाशक मेहनत से नीतीश ने बिहार को नीचे से टॉप करा ही दिया."
नीति आयोग की तरफ से जारी एक रिलीज़ के मुताबिक, "भारत में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विकसित एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 सभी राज्यों और केन्द्र - शासित प्रदेशों की प्रगति को 115 संकेतकों पर आंकता है. एसडीजी इंडिया इंडेक्स प्रत्येक राज्य और केन्द्र - शासित प्रदेश के लिए 16 एसडीजी पर लक्ष्य-वार स्कोर की गणना करता है. ये स्कोर 0-100 के बीच होते हैं, और अगर कोई राज्य/केन्द्र- शासित प्रदेश 100 का स्कोर प्राप्त करता है, तो यह इस तथ्य को दर्शाता है कि उस राज्य/केन्द्र - शासित प्रदेश ने 2030 के लक्ष्य हासिल कर लिए हैं. किसी राज्य/केन्द्र - शासित प्रदेश का स्कोर जितना अधिक होगा, उतनी ही अधिक दूरी तक उसने लक्ष्य हासिल कर लिया होगा."
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इस मापदंड पर केरल ने सबसे ज्यादा 75 अंक हासिल किया है. नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 में बेस्ट परफार्मिंग राज्यों की लिस्ट में तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश दूसरे नंबर पर हैं. जबकि आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और उत्तराखंड तीसरे नंबर पर आंके गए हैं. इस ताज़ा इंडेक्स में बिहार को सिर्फ 52 अंक मिले हैं. बिहार के बाद झारखण्ड को 56 अंक के साथ दूसरा सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाला राज्य आंका गया है जबकि 57 स्कोर के साथ असम तीसरा सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाला राज्य साबित हुआ है.
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नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट हमारे एसडीजी प्रयासों के दौरान तैयार की गई साझेदारी और उसकी मजबूती को दर्शाती है. इससे पता चलता है कि किस तरह मिलकर की गई पहलों के जरिए बेहतर नतीजे पाए जा सकते हैं.'' इस सूचकांक की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी और यह देश में एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए प्रमुख साधन बन गया है. पहले संस्करण 2018-19 में 13 ध्येय, 39 लक्ष्यों और 62 संकेतकों को शामिल किया गया था, जबकि इस तीसरे संस्करण में 17 ध्येय, 70 लक्ष्यों और 115 संकेतकों को शामिल किया गया. (इनपुट भाषा से...)
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