खुद को भगवान बताने वाला विवादास्पद धर्मगुरु नित्यानंद एक बार फिर चर्चाओं में है. नित्यानंद के स्वयंभू देश 'रिपब्लिक ऑफ कैलासा' के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भाग लिया है. इस बैठक में उसके प्रतिनिधियों ने नित्यानंद को "हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी" बताते हुए उसके लिए सुरक्षा की मांग की है. आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र समिति (CESCR) की 24 फरवरी को जिनेवा में आयोजित बैठक में उसके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है. बैठक की तस्वीरें नित्यानंद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इस जानकारी के साथ पोस्ट की गई है कि महिला प्रतिनिधिमंडल ने "निर्णय लेने वाली प्रणालियों में महिलाओं के समान और समावेशी प्रतिनिधित्व" पर चर्चा में भाग लिया.
प्रतिनिधि ने नित्यानंद को परेशान करने का लगाया आरोप
संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कार्यक्रम के वीडियो में कैलासा के प्रतिनिधियों में से एक को देखा गया है. कैलासा का प्रतिनिधित्व कर रही महिला साड़ी, पगड़ी और गहने पहनी हुई है. वो अपने देश में चल रहे सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर बात रख रही है. उसके प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि कैलाश में भोजन, आवास, कपड़े, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसी सभी बुनियादी ज़रूरतें "मुफ्त में दी जाती हैं". प्रतिनिधि ने आगे कहा कि नित्यानंद को हिंदू धर्म की प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए परेशान किया गया है और यहां तक कि उनके जन्म के देश से प्रतिबंधित कर दिया गया है. उसके प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र के निकाय से पूछा कि नित्यानंद के उत्पीड़न को रोकने के लिए 'राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर' पर क्या उपाय किए जा सकते हैं?
भारत में बलात्कार के मामले का आरोपी है नित्यानंद
नित्यानंद कर्नाटक के रामनगर में एक बलात्कार के मामले का आरोपी है. जिसमें पिछले साल अगस्त में उसके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट (NBW) भी जारी किया गया था.
नित्यानंद के पूर्व ड्राइवर लेनिन की शिकायत के आधार पर 2010 में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था. उस समय विवादास्पद तांत्रिक को गिरफ्तार किया गया था हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था. 2020 में, लेनिन की एक याचिका के बाद फिर से उसकी जमानत रद्द कर दी गई. जिसमें दावा किया गया था कि नित्यानंद देश से भाग गया है.
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