"हम भारत का सम्‍मान करते हैं..." UN में भाषण के बाद नित्यानंद के 'कैलासा' का स्पष्टीकरण

नित्यानंद के स्वघोषित देश 'रिपब्लिक ऑफ कैलास' के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने विवादास्पद तांत्रिक के लिए सुरक्षा की मांग की, जो खुद को "हिंदू धर्म का सर्वोच्च पुजारी" बताता है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
विजयप्रिया ने कहा था कि नित्यानंद को परेशान किया जा रहा
नई दिल्‍ली:

नित्‍यानंद के प्रतिनिधि का कहना है कि उन्‍हें परेशान किया जा रहा है. विजयप्रिया नित्यानंद, जो 'संयुक्त राज्य कैलासा' के (तथाकथित) स्थायी 'राजदूत' होने का दावा करती हैं, उन्‍होंने कहा है कि विवादास्पद 'भगवान नित्यानंद' को उनके जन्मस्थान भारत में 'हिंदू विरोधी तत्वों' द्वारा सताया गया. पिछले हफ्ते जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में बोलते हुए विजयप्रिया ने कहा था कि रेप के आरोपी नित्यानंद को परेशान किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, विजयप्रिया ने स्पष्ट किया कि तथाकथित 'संयुक्त राज्य कैलास' भारत के प्रति सम्मान रखता है. 

विजयप्रिया ने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने कहा था कि एसपीएच भगवान नित्यानंद परमशिवम को उनके जन्मस्थान में कुछ हिंदू विरोधी तत्वों द्वारा प्रताड़ित किया गया. संयुक्त राज्य कैलास भारत को उच्च सम्मान देता है और अपने गुरु के रूप में मानता है. हम संयुक्त राष्ट्र में मेरे बयान के बारे में एक स्पष्टीकरण जारी करना चाहती हूं, जिसे मीडिया के कुछ हिंदू विरोधी वर्गों द्वारा गलत व्याख्या, जानबूझकर हेरफेर और विकृत किया जा रहा है."

उन्‍होंने कहा, "हम भारत सरकार से इन हिंदू विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं, जो एसपीएच और कैलासा के खिलाफ हमला करना और हिंसा को उकसाना जारी रखते हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये कार्रवाई भारतीय बहुसंख्यकों के मूल्यों या विश्वासों को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं. हम भारत सरकार से कैलासा के खिलाफ लगातार हिंसा भड़काने वाले हिंदू विरोधी तत्वों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं.

Advertisement

नित्यानंद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भेजे गए ट्वीट्स की एक श्रृंखला में उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि भारत सरकार उनकी व्यवस्थित और रणनीतिक गतिविधियों को समाप्त करने और सभी संबंधितों की भलाई और सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रभावी उपाय करे."

Advertisement

नित्यानंद के स्वघोषित देश 'रिपब्लिक ऑफ कैलास' के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने विवादास्पद तांत्रिक के लिए सुरक्षा की मांग की, जो खुद को "हिंदू धर्म का सर्वोच्च पुजारी" बताता है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि जिनेवा में जनसभाओं में प्रतिनिधियों द्वारा की गई कोई भी प्रस्तुति "अप्रासंगिक" थी.

Advertisement

नित्यानंद के प्रतिनिधियों ने कैलाश की ओर से "स्वदेशी अधिकारों और सतत विकास" पर बात की. मानवाधिकार के उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने हालांकि, कहा कि उन्हें प्रचार सामग्री वितरित करने की अनुमति नहीं थी और उनकी टिप्पणियों पर ध्यान नहीं दिया गया था.

Advertisement

ओएचसीएचआर के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, "इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों के लिए पंजीकरण एनजीओ और आम जनता के लिए खुला है." बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
India Pakistan Tension Updates: 500 Drones से पाकिस्तान ने हमले की कोशिश की-सूत्र | Breaking News