बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटिशन दाखिल, की गई ये मांग

BJP ने शनिवार को अपने सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के सुप्रीम कोर्ट और भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर की गई तीखी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया.

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निशिकांत दुबे के बयान को लेकर बैकफुट पर बीजेपी
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के सासंद निशिकांत दुबे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटिशन दाखिल की गई है. लेटर पिटिशन दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है. ये मांग सुप्रीम कोर्ट के वकील नरेंद्र मिश्रा की तरफ से दाखिल की है. भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लेकर ऐसी टिप्पणी की, जिसकी वजह से वो विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए. यही नहीं बल्कि उनकी पार्टी बीजेपी ने भी उनके बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया.

निशिकांत दुबे की किस टिप्पणी पर बवाल

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा था कि कानून यदि शीर्ष अदालत ही बनाएगी तो संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने सीजेआई संजीव खन्ना पर भी निशाना साधा थ. वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकता. जिसकी वजह से दोनों नेता विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए. मामले के तूल पकड़ने पर बीजेपी ने भी अपने दोनों नेताओं के बयान से किनारा कर लिया है.

दुबे और शर्मा के बयानों से BJP किनारा

BJP ने शनिवार को अपने सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के सुप्रीम कोर्ट और भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर की गई तीखी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया. पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इन टिप्पणियों को सांसदों के निजी विचार बताकर खारिज कर दिया. नड्डा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बीजेपी का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है. ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं, लेकिन बीजेपी न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है. बीजेपी इन्हें पूरी तरह से खारिज करती है.''

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बाकी नेताओं को भी दी ये हिदायत

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और उसके सुझावों एवं आदेशों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक दल के तौर पर उसका मानना ​​है कि शीर्ष अदालत समेत सभी अदालतें लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं. जेपी नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं और अन्य लोगों को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है. लोकसभा में चौथी बार अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे दुबे लोकसभा में पार्टी के सबसे मुखर सदस्यों में से एक हैं. 

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