नीरव मोदी के तर्क दो मनोरोग विशेषज्ञों की अहम गवाही से हुए खारिज : CBI

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर फैसला भारत के पक्ष में आया, भगोड़ा हीरा कारोबारी पंजाब नेशनल बैंक से 6,805 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कहा कि लंदन हाईकोर्ट में नीरव मोदी मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान दो मनोरोग विशेषज्ञों की गवाही मोदी की खराब मनोवैज्ञानिक स्थिति के तर्क को खारिज करने में महत्वपूर्ण साबित हुई और इसके चलते फैसला भारत के पक्ष में आया. भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से 6,805 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. मोदी ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ लंदन उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी, जिसे अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया.

न्यायाधीशों जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और रॉबर्ट जे की अदालत ने कहा कि विशेषज्ञ गवाहों के बयान के आधार पर कहा गया है कि नीरव मोदी में अभी तक मानसिक रोग का कोई लक्षण नहीं दिखा है, उसने खुदकुशी का विचार जाहिर किया है, लेकिन कभी आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की और ना ही ऐसा करने की किसी योजना का खुलासा किया. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई की जिस आर्थर रोड जेल की बैरक 12 में प्रत्यर्पण के बाद हीरा कारोबारी को रखा जाना है उसमें सुरक्षा उपाय किए गए हैं जिससे सुनिश्चित होगा कि आत्महत्या की कोशिश के जोखिम को कम करने के लिए प्रभावी तरीके से सतत निगरानी हो.

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि अंतिम सुनवाई के दौरान, विशेषज्ञों -कार्डिफ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एंड्रयू फॉरेस्टर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सीना फजल ने उच्च न्यायालय के समक्ष सबूत पेश किए. सीबीआई ने एक बयान में कहा, “ब्रिटेन के उच्च न्यायालय का आज का निर्णय भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के सीबीआई के प्रयासों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह इस बात की भी याद दिलाता है कि बड़ी धनराशि की धोखाधड़ी करके कानूनी प्रक्रिया से भागने वाले खुद को इस प्रक्रिया से ऊपर न मानें.” 

Advertisement

सीबीआई ने कहा कि उसने अदालत के सामने तथ्यों को प्रभावी ढंग से पेश करने के लिए कड़ी मेहनत की, खासकर तब जब नीरव मोदी ने भारत में जेल के हालात और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता आदि के बारे में विभिन्न सवाल उठाए थे. एजेंसी ने कहा कि वह नीरव मोदी मामले में भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए शाही अभियोजन सेवा के अथक प्रयासों की सराहना करती है. सीबीआई ने मामले में समन्वय के लिए भारतीय उच्चायोग, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के प्रयासों की भी तारीफ की.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Dharavi Redevelopment Project: Aaditya Thackeray ने लगाए आरोप तो BJP ने दी ये चुनौती
Topics mentioned in this article