अजनबी से इंडिका की तारीफ सुन खुशी से खिलखिला उठे रतन टाटा, दोस्त नीरा राडिया ने बताया पुराना किस्सा

रतन टाटा लोगों को ना सिर्फ एक बढ़िया बिजनेसमैन के तौर पर याद रहेंगे बल्कि लोग उनकी शख्सियत के भी हमेशा कायल रहेंगे. नीरा राडिया ने करीब 12 साल रतन टाटा के साथ काम किया. जानिए उन्होंने क्या बताया...

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रतन टाटा ने दुनियाभर में बनाई अलग पहचान

लोग भले ही दुनिया छोड़कर चले जाते हो लेकिन उनसे जुड़ी खूबसूरत यादें हमेशा लोगों के जेहन में रहती है. रतन टाटा भी अब हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी बहुत सी बातें ऐसी है, जो लोग ताउम्र नहीं भूल पाएंगे. इन दिनों ऐसा ही यादगार किस्सा उनकी दोस्त नीरा राडिया ने भी साझा किया है. नीरा राडिया रतन टाटा की करीबी दोस्त रही है. उनकी कंपनी ने 2000 से 2012 तक टाटा समूह पीआर का काम संभाला था. उन्होंने बताया कि एक बार एक बार किसी अजनबी द्वारा टाटा इंडिका कार की प्रशंसा करने पर रतन टाटा का चेहरा खुशी से खिलखिला उठा था. ये तारीफ उस समय की गई थी, जब उनकी कंपनी के पास कस्टमर की शिकायतों की बाढ़ आ गई थी. जो प्रोडक्ट क्वालिटी से जुड़े इश्यू को लेकर थीं, ये शिकायतें प्रोडक्ट लॉन्च के तुरंत बाद सामने आई थी.

जब इंडिका की तारीफ सुन खुश हो गए रतन टाटा...

रतन टाटा की दोस्त राडिया ने एनडीटीवी प्रॉफिट के संग खास बातचीत में पुराने दिनों को याद किया. नीरा राडिया ने बताया कि दुबई में एक सज्जन एक मॉल में उनके (रतन टाटा) पास आए और कहा 'सर, सर, मेरे पास एक इंडिका है और उन्होंने मेरी तरफ यह सोचकर देखा कि कोई शिकायत करने वाला है. लेकिन उस सज्जन ने उनकी तरफ देखा और कहा, 'नहीं, नहीं, मुझे आपकी कार बहुत पसंद है, यह बहुत अच्छी है. मैंने कार खरीदी है और मैंने टाटा की कार खरीदी है. और उन्होंने उनसे हाथ मिलाया और वह (रतन टाटा) यह सुनकर बहुत खुश हुए और उनके चेहरे पर कमाल की खुशी थी," 

नीरा राडिया ने रतन टाटा के बारे में क्या कुछ बताया

बंद हो चुकी कंपनी वैष्णवी कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "और जब वे चले गए, तो उन्होंने (रतन टाटा ने) मुझसे कहा, 'देखिए, उन्हें यह पसंद है, दूसरों की टिप्पणी है, लेकिन उन्हें यह पसंद है." लॉन्च होने पर टाटा इंडिका को रिकॉर्ड बुकिंग मिली, लेकिन वर्ष 2000-01 के दौरान नकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद इसकी बिक्री में भारी गिरावट आई और टाटा मोटर्स ने उस वर्ष 500 करोड़ रुपये का अपना सबसे बड़ा घाटा झेलना पड़ा. राडिया ने बताया कि यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब कार के बारे में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई थी. उन्होंने कहा, "इस बारे में अभी भी अनिश्चितता थी कि इंडिका सफल होगी या नहीं और टाटा मोटर्स के घाटे के बारे में पहले पन्ने पर बहुत सारी सुर्खियां थीं." कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, 2001 में टाटा ने अपनी प्रमुख गुणवत्ता समस्याओं को दूर करने के बाद "नई इंडिका" लॉन्च की. इसे इंडिका वी2 के नाम से बाजार में उतारा गया.

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