उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास के पास से विस्फोटक लदे वाहन (SUV) की बरामदगी मामले की जांच कर रही NIA ने गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वजे (Sachin Vaze) के दफ्तर की तलाशी ली. NIA ने एक काली मर्सिडीज कार को भी जब्त किया है. शक है कि 17 मार्च को जब मनसुख हिरेन विक्रोली में अपनी स्कॉर्पियो कार सड़क पर छोड़कर क्रॉफर्ड मार्केट आए थे, तब उन्होंने और सचिन वजे ने इसी कार में बैठकर बातचीत की थी और मनसुख ने स्कॉर्पियो की चाभी सचिन वजे को सौंपी थी.
मर्सिडीज कार की तलाशी ली गई. कार से सामान निकाला गया. NIA ने फोरेंसिक एक्सपर्ट को भी बुलाया गया. मिली जानकारी के अनुसार, NIA को मर्सिडीज कार से बहुत कुछ सामान मिला है. NIA को कार में से एक चेक शर्ट मिली है. खास बात यह है कि PPE किट में भी जो शर्ट दिख रही है, उसने भी चेक शर्ट पहनी थी. इसके अलावा कार से 5 लाख से ज्यादा नकदी और स्कॉर्पियो कार की नंबर प्लेट भी मिली है. एक नोट काउंटिंग मशीन मिली है. कार से एक बोतल में मिट्टी का तेल भी मिला है. शक है कि उसका इस्तेमाल PPE किट जलाने के लिए किया गया होगा.
इस बीच, एक अदालत ने वजे की वह अर्जी खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था. इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वजे को शहर पुलिस की अपराध शाखा के CIU से संबद्ध कर दिया गया था. शाखा का दफ्तर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित है. अधिकारी ने बताया कि NIA की टीम ने वजे के दफ्तर की तलाशी के दौरान वहां से कुछ ‘आपत्तिजनक दस्तावेज' और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, आई-पैड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं.
उन्होंने कहा कि तलाशी सोमवार शाम करीब आठ बजे शुरू हुई और मंगलवार सुबह चार बजे तक चलती रही. NIA के महानिरीक्षक अनिल शुक्ला ने कहा कि सीएसएमटी स्टेशन के पास पार्किंग से एक काली मर्सिडीज कार जब्त की गई है, जिसका उपयोग वजे करते थे. अधिकारी ने बताया कि NIA ने अभी तक सहायक पुलिस आयुक्त सहित अपराध शाखा के 7 अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने मंगलवार को लगातार तीसरे दिन CIU इकाई के सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की.
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गौरतलब है कि मुकेश अंबानी के मकान के पास कार्मिचेल रोड पर विस्फोटक लदी एसयूवी बरामद होने के दो दिन बाद 27 फरवरी को काजी ने ठाणे जिले के साकेत इलाके में रहने वाले वाजे की हाउसिंग सोसाइटी के सीसीटीवी की फुटेज ली थी. अधिकारी ने बताया कि इस वीडियो (DVR) का जिक्र बरामद सामान की सूची में नहीं था और जांच एजेंसी को संदेह है कि यह फुटेज साक्ष्य को नष्ट करने के लिए ली गई थी, जिससे वजे मामले में फंस सकते थे. व्यवसायी मनसुख हिरन की पत्नी का आरोप है कि एसयूवी का कुछ समय तक वाजे ने इस्तेमाल किया था.
मनसुख हिरेन ने दावा किया था कि स्कॉर्पियो उनके पास से चोरी हुई थी. हिरेन की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई. पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि काजी ने कथित रूप से फर्जी नंबर प्लेट खरीदी थी, जो एसयूवी से मिली. हिरेन की मौत के बाद एसयूवी का मामला भी NIA के हाथों में आ गया है. वहीं, रविवार को एक विशेष अदालत ने वजे को 25 मार्च तक केन्द्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था. मंगलवार को अदालत ने गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली वाजे की अर्जी खारिज कर दी. वाजे के वकीलों सजल यादव और सनी पुनमिया ने दलील दी कि नियमानुसार वजे को गिरफ्तारी के 24 घंटों के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया. (इनपुट भाषा से भी)
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