NIA को सचिन वाजे केस में मीठी नदी से मिली नंबर प्लेट का मालिक औरंगाबाद का निकला, अहम राज खुलेंगे

एनआईए ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर), सीपीयू, एक लैपटॉप भी बरामद किया है.गोताखोरों की मदद से तलाशी के दौरान एनआईए ने नदी से राउटर, कंप्यूटर कार्टेज और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए हैं.

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NIA सचिन वाजे से मुकेश अंबानी और मनसुख हिरेन केस के अहम राज उगलवाना चाहती है
मुंबई:

NIA Sachin Vaze Case : एनआईए ने रविवार को एपीआई सचिन वाजे को बांद्रा की मीठी नदी ले जाकर गोताखोरों की मदद से डीवीआर, लैपटॉप समेत कई महत्वपूर्ण साक्ष्य इकट्ठा किए थे. मुंबई में मीठी नदी से मिली नम्बर प्लेट (MH20FP1539) औरंगाबाद की एको कार की है.औरंगाबाद में रहने वाले  विजय मधुकर नाडे ने बताया कि उनकी मारुति 16 नवंबर 2020 को चोरी हो गई थी. इसकी उन्होंने लिखित शिकायत भी की थी लेकिन अब तक उनकी कार का कुछ पता नही चला है. औरंगाबाद  छत्रपति नगर के  विजय नाडे जालना में समाज कल्याण विभाग में क्लर्क के रूप में कार्यरत हैं.

नाडे की कार 16 नवंबर, 2020 को उद्धवराव पाटिल चौक से चुराई गई थी. सिटी चौक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Case) के घर एंटीलिया के बाहर लावारिस कार में विस्फोटक रखने के मामले में NIA ने पिछले हफ्ते सचिन वाजे की दूसरी बार हिरासत हासिल की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कोशिश है कि जो सबूत वाजे ने मिटा दिए हैं या कहीं फेंक दिए हैं, उन्हें बरामद कर केस को पुख्ता किया जाए. इसीलिए NIA सचिन वाजे को लेकर रविवार को बांद्रा पहुंची थी.

नाले में तलाशी ली गई.इसमें मौके से एक डीवीआर, हार्ड डिस्क (Hard Disk)  और कार का नम्बर प्लेट भी मिला है. एक ही नम्बर की दो नंबर प्लेट मिली हैं. पानी मे जो डाइवर्स उतरे, वो सफाई मजदूर लग रहे थे, क्योंकि नाले में पानी ज्यादा नही था, इसलिए उनकी मदद से सबूत खोजने की कोशिश की जा रही है.एनआईए ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर), सीपीयू, एक लैपटॉप भी बरामद किया है.गोताखोरों की मदद से तलाशी के दौरान एनआईए ने नदी से राउटर, कंप्यूटर कार्टेज और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए हैं.

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डीवीआर को ठाणे में उस हाउसिंग सोसाइटी से हटा दिया गया था, जहां सचिन वाजे रहता था. एनआईए की टीम दोपहर 3 बजे वाजे को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मौके पर ले गई थी. कई और साक्ष्य भी नदी से बरामद किए जा सकते हैं, संदेह है कि सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी ने एनआईए को पूछताछ के दौरान बताया था कि इन सबूतों को मीठी नदी में फेंक दिया गया था. वाजे के करीबी काजी से हाल में एनआईए ने कई बार पूछताछ की थी.

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