हवाला में शामिल प्रतिबंधित संगठन PFI से जुड़े पांच आरोपियों को NIA ने किया गिरफ्तार

NIA ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है उनमे से चार कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले और एक केरल के कासरगोड से है.

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NIA ने पीएफआई से कथित तौर पर जुड़े पांच लोगों को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली:

NIA ने हवाला कारोबार में शामिल रहने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए सभी पांच आरोपी प्रतिबंधित संगठन PFI से जुड़े बताए जा रहे हैं. NIA ने इस गिरफ्तारी को लेकर रविवार को एक बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया है जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वो बिहार और कर्नाटक से हवाला का कारोबार चला रहे थे और इनके तार यूएई से भी जुड़े हुए थे. इन सभी गिरफ्तार आरोपियों पर PFI के लिए कथित तौर पर पैसे को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने का भी आरोप है. 

NIA ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है उनमे से चार कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले और एक केरल के कासरगोड से है. इन आरोपियों की पहचान मोहम्मद सिनान, सरफराज नवाज, इकबाल, अब्दुल रफीक और अबीद केएम के रूप में की गई है. इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने जो बयान जारी किया उसमे कहा गया कि जब हमारी टीम ने फुलवारी शरीफ मामले की जांच में देश भर के अलग-अलग राज्यों में जांच शुरू की तो पता चला कि दक्षिण भारत में हवाला का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है.

एनआईए के अनुसार पीएफआई के सदस्य बिहार के फुलवारी शरीफ और मोतिहारी में गुपचुप तरीके से हथियार जुटाने में जुटे हैं जिसकी मदद से वो पूर्वी चंपारण में एक युवक की हत्या करने वाले हैं. इस माड्यूल से पीएफआई के तीन सदस्य जुड़े हुए थे जिन्हें 5 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.

इसके बाद ही हमने पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. हमारी जांच में अभी तक जो बात निकल सामने आई हैं उसके मुताबिक गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी पीएफआई के आपराधिक षडयंत्र में शामिल रहे हैं साथ ही ये लोग संगठन के गैरकानूनी पैसे को भारत से बाहर ले जाने में भी शामिल रहे हैं. ताकि इस पैसे को उनके नेताओं और काडर के बीच में बांटा जा सके. 

केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से कासरगोड और दक्षिण कन्नड़ में तलाशी ले रही एनआईए की टीमों ने कई करोड़ रुपये के लेन-देन के विवरण वाले डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं. जुलाई 2022 से जांच की जा रही है, एनआईए टीम ने पाया कि सितंबर (पिछले साल) में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, पीएफआई और उसके नेता / कैडर हिंसक उग्रवाद की विचारधारा का प्रचार करना जारी रखे हुए हैं और हथियार और गोला-बारूद की व्यवस्था भी कर रहे थे. 

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