राजस्थान में जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में लगी आग की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इस हादसे में कुल आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, हालांकि सरकारी आंकड़ा 6 मौतों का है. अब इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने कहा है कि इस घटना पर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट में पीड़ितों के परिजनों को अगर कोई मुआवजे दिया गया तो उसकी जानकारी भी शामिल करनी चाहिए.
बता दें कि 6 अक्टूबर, 2025 को राजस्थान के जयपुर में स्थित सरकारी सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से आठ मरीजों की मृत्यु हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. इस मामले को लेकर कई तरह के गंभीर सवाल भी खड़े हुए थे.
हाई लेवल जांच के आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि 6 अक्टूबर, 2025 को राजस्थान के जयपुर में स्थित सरकारी सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से आठ मरीजों की मृत्यु हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल में हुई इस दुखद घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. राज्य सरकार ने इस सिलसिले में एक उच्च-स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्देश दिया है.
आयोग का मानना है कि मीडिया रिपोर्ट अगर सही है तो यह पीड़ितों के मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है. 6 अक्टूबर, 2025 को जब अस्पताल में आग लगी उस दौरान ICU और सेमी-ICU वार्ड में 18 मरीज भर्ती थे. आग और जहरीले धुएं के कारण बचाव कार्य में काफी बाधा आई थी.
पीएम ने जताया था दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अस्पताल में आग लगने की इस घटना में हुई जान-माल की हानि पर शोक व्यक्त किया था.
PMO इंडिया ने अपने X हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा था, "राजस्थान के जयपुर स्थित एक अस्पताल में आग लगने से हुई जान-माल की हानि अत्यंत दुखद है. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं."